बैंकिंग फ्रॉड मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर से पूछताछ
रुवार को एजेंसी ने रिजर्व बैंक के तीन मुख्य महाप्रबंधकों और एक महाप्रबंधक से पूछताछ की
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पंजाब नेशनल बैंक 13 हजार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआइ ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान से पूछताछ की। मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं। बताया गया है कि सीबीआइ ने संप्रग सरकार के समय आई स्वर्ण आयात नीति के तहत दोनों हीरा कारोबारियों को सुविधा दिए जाने पर रिजर्व बैंक के पूर्व शीर्ष अधिकारी से पूछताछ की। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि नीति के संबंध में जानकारी के लिए पूर्व अधिकारी को बुलाया गया था। घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है।
सीबीआइ अधिकारियों के अनुसार उन्होंने संप्रग सरकार के समय आई 20:80 स्वर्ण आयात नीति पर पूर्व डिप्टी गवर्नर से जानकारी की। 13 मई, 2014 को यह नीति तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लागू की थी। यह फैसला उन्होंने लोकसभा चुनाव की मतगणना से महज तीन दिन पूर्व लिया था, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विदाई तय मानी जा रही थी। भाजपा ने स्वर्ण आयात नीति के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी समेत कई ज्वैलर्स को लाभ पहुंचाने का आरोप चिदंबरम पर लगाया है। इससे पहले केवल सरकारी कंपनी- एमएमटीसी और एसटीसी को ही विदेश से सोना आयात करने की अनुमति थी।
13 हजार करोड़ के बैंक घोटाला मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। इस मामले में गुरुवार को एजेंसी ने रिजर्व बैंक के तीन मुख्य महाप्रबंधकों और एक महाप्रबंधक से पूछताछ की थी। अपने शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर रिजर्व बैंक ने सफाई दी है कि सीबीआइ ने उन्हें नीतिगत मामलों पर जानकारी लेने के लिए बुलाया था। इस प्रकार की जानकारी देना प्रक्रिया का हिस्सा है जिससे रिजर्व बैंक अधिकारी अक्सर गुजरते हैं। इस तरह के मामलों में विभिन्न एजेंसियां अक्सर रिजर्व बैंक से जानकारी प्राप्त करती रहती हैं।