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पूर्व सीईओ ने हेलो टैक्सी के प्रमोटर्स पर लगाया करोड़ों का घपला करने का आरोप

पूर्व सीईओ सरोज महापात्र सहित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रमोटर्स ने निवेशकों के करीब 1000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल दूसरे कार्यो में किया है

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:51 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:16 AM (IST)
पूर्व सीईओ ने हेलो टैक्सी के प्रमोटर्स पर लगाया करोड़ों का घपला करने का आरोप
पूर्व सीईओ ने हेलो टैक्सी के प्रमोटर्स पर लगाया करोड़ों का घपला करने का आरोप

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। कैब सेवा देने वाली कंपनी हेलो टैक्सी के एक पूर्व सीईओ ने कंपनी के प्रमोटर्स पर वित्तीय धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। पूर्व सीईओ सरोज महापात्र सहित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रमोटर्स ने निवेशकों के करीब 1,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल दूसरे कार्यो में किया है, जबकि ठगे गए निवेशकों के आक्रोश का शिकार वे हो रहे हैं।

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गौरतलब है कि एक महीने पहले एक व्यक्ति ने कंपनी, इसके अधिकारियों और प्रमोटर्स के खिलाफ प्राथमिकी (एफआइआर) भी दर्ज कराई थी। महापात्र ने इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी की है। उन्होंने कहा है कि आरोपित देश से भागने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने घपले के सभी सबूत भी प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रलय और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सौंपे हैं। महापात्र ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्रमोटर्स को हिरासत में लिए जाने की मांग की है।

हेलो टैक्सी एक मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजना का संचालन करती है। इसमें वह निवेशकों को ऊंचा लाभ देती है। कंपनी के ऊपर बड़े और छोटे निवेशकों की भारी भरकम रकम बकाया है। पूर्व सीईओ महापात्र ने कहा कि संदिग्ध कंपनियों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कॉरपोरेट स्तर पर हमें एकजुट होकर उनकी निंदा करने और सभी जरूरी कानूनी कार्रवाई शुरू करने की जरूरत है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों को भी ऐसी गतिविधियों पर निगाह रखनी चाहिए।

महापात्र ने कहा कि मार्च के बाद से मुङो पूरा विश्वास था कि प्रमोटर्स द्वारा करीब 1,000 करोड़ रुपये का वित्तीय घपला किया गया है और मैंने सभी सबूत जुटाए। मुझे और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को फंसाया गया है। हमें उनके द्वारा यह विश्वास दिलाया गया कि हम सिर्फ मासिक वेतन पर काम करने वाले कर्मचारी हैं और कंपनी द्वारा जुटाई गई राशि से हमारा कोई वास्ता नहीं है। वित्तीय लेन-देन पर कभी हमारा हस्ताक्षर नहीं होता था। प्रासंगिक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर ऐसा लगता है कि प्रमोटर्स ने 1,000 करोड़ रुपये का घपला किया है। इस बारे में हेलो टैक्सी के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश का कोई जवाब नहीं मिला।


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