भारत की आर्थिक गतिविधि के सामान्य होने के सबूत, आगे भी विकास दर में वृद्धि का अनुमान
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के बाद कहा कि ऐसे प्रमाण हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ महीनों में आर्थिक गतिविधि के सामान्यीकरण की ओर बढ़ रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा है कि भारत में आर्थिक गतिविधियों के सामान्यीकरण के प्रमाण हैं। मंगलवार को, आईएमएफ ने 2021 में भारत के लिए 12.5 फीसद के प्रभावशाली विकास दर का अनुमान व्यक्त किया। यह चीन की तुलना में मजबूत है, जो कि एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसकी पिछले साल COVID-19 महामारी के दौरान सकारात्मक विकास दर थी।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के बाद कहा कि ऐसे प्रमाण हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ महीनों में आर्थिक गतिविधि के सामान्यीकरण की ओर बढ़ रही है। आईएमएफ ने कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.9 फीसद बढ़ने की उम्मीद है। 2020 में भारत की अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड आठ फीसद की गिरावट आई थी।
हालांकि, यह अनुमान प्सिहले के हाल के अनुमान तुलना में बहुत कम है। गोपीनाथ ने कहा कि
भारत के मामले में बहुत छोटा बदलाव होने वाला है जो 2021 में विकास के लिए 1 फीसद की वृद्धि को दिखाता है। आईएमएफ में अनुसंधान विभाग के प्रभाग प्रमुख मल्हार नबर ने कहा कि भारत के लिए आईएमएफ का मौजूदा पूर्वानुमान पहले से ही इस वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुक्रमिक विकास पर काफी तर्कसंगत दृष्टिकोण रखता है।