EPFO ने जुलाई में रिकार्ड 8.45 लाख नए अंशधारक जोड़े, जून 2020 में 4.82 लाख था आंकड़ा
EPFO आंकड़े से यह भी पता चलता है कि सितंबर 2017 से जुलाई 2020 के दौरान शुद्ध रूप से नये अंशधारकों की संख्या 1.68 करोड़ रही।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुलाई में शुद्ध रूप से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या बढ़कर 8.45 लाख पहुंच गयी जबकि जून 2020 में यह आंकड़ा 4.82 लाख था। रविवार को यह आंकड़ा जारी किया गया। ईपीएफओ के नियमित वेतन पाने वालों के ये आंकड़े कोविड-19 के दौरान संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं।
ईपीएफओ के पेरोल यानी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के पिछले महीने जारी अस्थायी आंकड़े में शुद्ध रूप से इस साल जून में 6.55 लाख रजिस्ट्रेशन की बात कही गयी थी। इस आंकड़े को अब संशोधित कर 4,82,352 कर दिया गया है। मई में जारी पेरोल आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से रजिस्ट्रेशन मार्च 2020 में घटकर 5.72 लाख पर आ गया जो फरवरी में 10.21 लाख था।
रविवार को जारी ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल में शुद्ध रूप से रजिस्ट्रेशन नकारात्मक दायरे में था और इसमें 61,807 की गिरावट आयी। जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 20,164 था। इसका मतलब है कि अप्रैल में जितने लोग ईपीएफओ से जुड़े, उससे कहीं अधिक लोग उससे बाहर हुए। इससे पहले जुलाई में अस्थायी आंकड़े के अनुसार अप्रैल में शुद्ध रूप से एक लाख नये रजिस्ट्रेशन की बात कही गयी थी। उसे बाद में अगस्त महीने में संशोधित कर 20,164 कर दिया गया।
ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से रजिस्ट्रेशन औसतन हर महीने करीब 7 लाख रहता है। ताजा पेरोल आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध रूपसे नये अंशधारकों की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी। ईपीएफओ नये अंशधारकों का पेरोल आंकड़ा अप्रैल 2018 से जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 से आंकड़े लिये गये हैं।
आंकड़े से यह भी पता चलता है कि सितंबर 2017 से जुलाई 2020 के दौरान शुद्ध रूप से नये अंशधारकों की संख्या 1.68 करोड़ रही। ईपीएफओ का कहना है कि पेरोल आंकड़ा अस्थायी है और इसका अपडेट होना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसे आने वाले महीनों में अपडेट किया जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार आंकड़ा शुद्ध रूप से जुड़े सदस्यों पर आधारित है।