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डिस्कॉम्स पर बिजली कंपनियों का 93 हजार करोड़ बकाया, पिछले साल के मुकाबले 31 फीसद बढ़ा

बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) पर बिजली कंपनियों का बकाया फरवरी 2020 तक 92693 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था।

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 01:29 PM (IST)
डिस्कॉम्स पर बिजली कंपनियों का 93 हजार करोड़ बकाया, पिछले साल के मुकाबले 31 फीसद बढ़ा
डिस्कॉम्स पर बिजली कंपनियों का 93 हजार करोड़ बकाया, पिछले साल के मुकाबले 31 फीसद बढ़ा

नई दिल्ली, पीटीआइ। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) पर बिजली कंपनियों का बकाया फरवरी, 2020 तक 92,693 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। सालभर पहले के मुकाबले इसमें 31 फीसद की वृद्धि हुई है। फरवरी, 2019 में यह बकाया 70,706 करोड़ रुपये था। प्राप्ति (पेमेंट रेटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्योरमेंट फॉर ब्रिंगिग ट्रांसपेरेंसी इन इनवॉइसिंग ऑफ जनरेटर्स) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। बिजली खरीद लेनदेन में बिजली कंपनियों और डिस्कॉम्स के बीच पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मई, 2018 में यह पोर्टल लांच किया गया था।

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पोर्टल के मुताबिक, फरवरी, 2020 में 60 दिन के ग्रेस पीरियड के बाद भी नहीं चुकाई गई राशि 80,616 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी। सालभर पहले यह राशि 53,703 करोड़ रुपये थी। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम्स को पैसा चुकाने के लिए 60 दिन का समय देती हैं। इसके बाद, ज्यादातर मामलों में बकाया राशि पर दंड लगाया जाता है। फिलहाल कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने डिस्कॉम्स को बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त समय दिया हुआ है। इस अवधि में सरकार ने जुर्माने पर भी छूट का एलान किया है।

बकाए में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु की बड़ी हिस्सेदारी है। डिस्कॉम्स पर इस बकाए में सरकारी बिजली कंपनियों की हिस्सेदारी 39.53 फीसद है। अकेले एनटीपीसी का 11,615.80 करोड़ रुपया विभिन्न डिस्कॉम्स पर बकाया है। एनएलसी का 5,208.51 करोड़, दामोदर वैली कॉरपोरेशन का 4,920.39 करोड़, एनएचपीसी का 2,842.75 करोड़ और टीएचडीसी इंडिया का 2,188.90 करोड़ बकाया है।


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