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अर्थव्यवस्था में होगा सुधार, पर निवेश को लेकर चिंता

देश की अर्थव्यवस्था में अगले छह महीनों में सुधार की उम्मीद है। यह और बात है कि क्षमता के कम इस्तेमाल तथा प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव की वजह से निजी क्षेत्र के निवेश को लेकर चिंता बनी रहेगी। उद्योग चैंबर एसोचैम के बिजकॉन सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2016 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2016 08:48 PM (IST)
अर्थव्यवस्था में होगा सुधार, पर निवेश को लेकर चिंता

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था में अगले छह महीनों में सुधार की उम्मीद है। यह और बात है कि क्षमता के कम इस्तेमाल तथा प्रॉफिट मार्जिन पर दबाव की वजह से निजी क्षेत्र के निवेश को लेकर चिंता बनी रहेगी। उद्योग चैंबर एसोचैम के बिजकॉन सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।

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सर्वे में शामिल करीब 63 फीसद लोग महसूस करते हैं कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में आगामी छह महीने में सुधार होगा। फिलहाल इसमें कहा गया है कि क्षमता के कम इस्तेमाल की वजह से निजी क्षेत्र का निवेश, अतिरिक्त आपूर्ति और मुनाफे पर दबाव अगली कुछ तिमाहियों में चिंता का विषय बने रहेंगे। घरेलू निवेश के मामले में प्रतिक्रिया देने वाले 58.3 फीसद लोगों की राय थी कि व्यक्तिगत कंपनी के स्तर पर निवेश योजना में कोई बदलाव नहीं होगा।

सर्वे के मुताबिक, आगे चलकर धारणा स्थिर रहेगी। 62.5 फीसद लोगों का मानना था कि जनवरी-मार्च, 2016 की तिमाही में निवेश के स्तर में कोई ज्यादा बदलाव नहीं होगा। सर्वे कहता है, 'ऐसे में निजी क्षेत्र के निवेश में कमी का सिलसिला कायम रहेगा।' एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने मुनाफे पर दबाव तथा निवेश की कमी को लेकर चिंता जताई।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर आर्थिक हालातों ने भारत में कई सेक्टरों को प्रभावित करना शुरू किया है। इससे निवेशकों का मनोबल घटा है। उपभोक्ताओं के विश्वास में तभी बहाली होगी जब रोजगार संभावनाएं बढ़ेंगी। कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में ज्यादा निवेश के जरिये ही यह संभव होगा। बाजार के प्रति निवेशकों के भरोसे को बनाए रखने के लिए सरकार के साथ रिजर्व बैंक और सेबी पर बड़ी जिम्मेदारी है। इनके प्रयासों से निवेश माहौल को तैयार करने में मदद मिल सकती है।

कंपनियों के भविष्य के प्रदर्शन को लेकर प्रतिक्रिया देने वालों का रुख काफी आशावादी है। इनमें से 70.8 फीसद मानते हैं कि आने वाले छह महीनों में कंपनियों की स्थिति बेहतर होगी। अक्टूबर से दिसंबर, 2015 के दौरान 41.7 फीसद की राय थी कि सेल्स वॉल्यूम में गिरावट रहेगी। जबकि 45.8 फीसद ने उम्मीद जाहिर की कि जनवरी-मार्च, 2016 में सेल्स वॉल्यूम में बढ़ोतरी होगी।


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