Move to Jagran APP

पांच फीसद से ज्यादा रहेगी विकास दर

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बुनियादी ढांचागत उद्योगों के प्रदर्शन में सुधार के संकेत मिलने के साथ ही सरकार दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में भी सुधार की उम्मीद करने लगी है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर पांच फीसद से कम नहीं रहेगी। मंत्रालय को भरोसा है कि बेहतर कृषि पैदावार और निवेश में वृद्धि का असर विकास दर

By Edited By: Published: Wed, 02 Oct 2013 12:14 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
पांच फीसद से ज्यादा रहेगी विकास दर

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बुनियादी ढांचागत उद्योगों के प्रदर्शन में सुधार के संकेत मिलने के साथ ही सरकार दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में भी सुधार की उम्मीद करने लगी है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर पांच फीसद से कम नहीं रहेगी। मंत्रालय को भरोसा है कि बेहतर कृषि पैदावार और निवेश में वृद्धि का असर विकास दर पर दिखाई देगा।

loksabha election banner

आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने निजी एजेंसियों की पांच फीसद से नीचे विकास दर रहने की आशंका को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि विकास दर इससे ऊपर ही रहेगी, नीचे किसी भी सूरत में नहीं जाएगी। इसके संकेत दूसरी तिमाही से ही मिलने शुरू हो गए हैं। बुवाई क्षेत्र में वृद्धि, योजना खर्च व्यय की बढ़ी रफ्तार, निवेश पर मंत्रिमंडलीय समिति के फैसलों का असर दूसरी तिमाही के प्रदर्शन पर पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 4.4 फीसद रही थी। साल 2012-13 में विकास दर एक दशक के निचले स्तर पांच फीसद पर आ टिकी थी।

औद्योगिक उत्पादन सुधरेगा मायाराम ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग, बिजली और कैपिटल गुड्स क्षेत्र में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। आठों बुनियादी उद्योगों की अगस्त में 3.7 फीसद की वृद्धि दर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि औद्योगिक मोर्चे पर हालात सुधर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्र में भी आने वाले त्योहारी सीजन में मांग बढ़ेगी। जुलाई में इस क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी। मायाराम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को विकास के लिए प्रोत्साहनों की आवश्यकता है। ब्याज दरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह रिजर्व बैंक का कार्यक्षेत्र है। रिजर्व बैंक 29 अक्टूबर को मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा करेगा।

और घटेगा सोना आयातमायाराम ने कहा कि सरकार के उपायों से सोने के आयात में कमी आई है। इसका असर पहली तिमाही में चालू खाते के घाटे पर भी दिखा है। सरकार सोने के आयात को और कम करना चाहती है। चालू वित्त वर्ष में सरकार का लक्ष्य सोने के आयात को 800 टन से नीचे रखने का है। बीते वित्त वर्ष में 845 टन सोना आयात हुआ था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.