आयकर दरों में कटौती के पक्ष में अर्थशास्त्री, सीमा शुल्क दरों में तालमेल बिठाने की वकालत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग में हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने आयकर दरों में कटौती करने की वकालत की
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग में हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने आयकर दरों में कटौती करने की वकालत की। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा शुल्क दरों का वैश्विक स्तर पर प्रचलित दरों के साथ तालमेल बिठाया जाए ताकि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके।
नीति आयोग के देख रेख में यह बैठक फरवरी में पेश होने वाले आम बजट से ठीक पहले हुई है। बैठक में नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव की चर्चा नहीं हुई जबकि अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने के लिए डिजिटलीकरण के मुद्दे पर बातचीत हुई।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने आर्थिक नीति-आगे का रास्ता विषय पर हुई बैठक के बाद कहा, बैठक में कर सरलीकरण और प्रत्यक्ष कराधान पर काफी बात हुई पर। कारपोरेट और व्यक्तिगत आयकर के सरलीकरण, छूटों को कम करने, कर दरों को नीचे लाने, कर प्रणाली का तालमेल बैठाने जिससे भारत को अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के साथ प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
क्या हुआ इस बैठक में-
कर ढांचे की समस्या को लेकर हुई इस बैठक में आयात शुल्क की दरों में तालमेल बैठाने का सुझाव दिया गया ताकि इस बड़े मुद्दे को सुलझाया जा सके। आपको बात दें कि कर ढांचा वह स्थिति है जिसमें विनिर्मित वस्तु पर आयात शुल्क उनके विनिर्माण में काम आने वाले कच्चे माल या उपकरणों की तुलना में कम होता है।
पनगढि़या ने यह भी कहा कि ऐसे ढांचे में कलपुर्जों और अन्य सामग्री पर शुल्क की दर अंतिम उत्पाद से अधिक होती है। ऐसे में अंतिम उत्पाद बनाने का प्रोत्साहन कम होता है। पनगढि़या ने कहा कि बैठक में ताल मेल के लिए एक ही दर रखने और उसे सात फीसदी या इस तरह की कोई दर रखने का सुझाव दिया गया।