अर्थशास्त्रियों ने 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त पैकेज की हिमायत की, उद्योग संगठनों ने भी बड़े राहत पैकेज की मांग की
SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि इस स्थिति में प्रभावित उद्योगों के लिए बड़े राहत पैकेज की दरकार है।
मुंबई, पीटीआइ। देश के सबसे बड़े बैंक SBI के अर्थशास्त्रियों ने कोरोनावायरस संकट से मुकाबले के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त पैकेज की मांग की है। अर्थशास्रियों ने कहा है कि निर्मला सीतारमण की ओर से घोषित 1.75 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में से केवल 73,000 करोड़ रुपये ही नया फंड है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक शेष राशि का प्रावधान फरवरी में घोषित बजट में किया गया था। दूसरी ओर देश के उद्योग जगत ने भी कोरोनावायरस संकट के इस समय में छोटे एवं मध्यम उद्योगों तक गरीब एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार से बड़े राहत पैकेज की मांग की है।
SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि इस स्थिति में प्रभावित उद्योगों के लिए बड़े राहत पैकेज की दरकार है। पहले से सुस्त इकोनॉमी के कोविड-19 महामारी की वजह से और मंद हो जाने की आशंका है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटकर दो फीसद के आसपास हो जाएगी।
बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा है, ''...श्रम और पूंजीगत आय से जुड़े 3.60 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के बाद कम-से-कम तीन लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है।''
उद्योग मंडल CII ने सरकार को अपनी सिफारिशें भेजी है, जिसमें आर्थिक पैकेज की मांग की गई है। उद्योग मंडल ने गरीब लोगों एवं असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर करने की अनुशंसा की है।
एक अन्य उद्योग मंडल Assocham ने दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी मंदी में से एक के मुकाबले के लिए कम-से-कम 200-300 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की मांग की है।