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GDP में गिरावट थमने को तैयार, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

तमाम विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि जुलाई सितंबर महीने में जीडीपी ग्रोथ रेट बेहतर रह सकती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 30 Nov 2017 11:28 AM (IST)Updated: Thu, 30 Nov 2017 02:21 PM (IST)
GDP में गिरावट थमने को तैयार, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें
GDP में गिरावट थमने को तैयार, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अर्थशास्त्री मान रहे हैं कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ) 6 फीसद से ऊपर रह सकती है। आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 5.7 फीसद रही थी, जो कि बीते तीन साल का निचला स्तर था। इसकी प्रमुख वजह नोटबंदी और जीएसटी को लागू किए जाने को माना गया।

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पोल और सर्वे ने दिए जीडीपी की बेहतरी के संकेत: अर्थशास्त्रियों को लेकर रॉयटर्स की ओर से किए गए पोल बताया गया कि सितंबर तिमाही के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 6.4 फीसद के आसपास रह सकती है। वहीं ब्लूमबर्ग की ओर से किए गए सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने भी आकलन किया कि जीडीपी 6.4 फीसद के आसपास रह सकती है। आज शाम चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाने हैं।

हम अपनी इस खबर में आपको इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें बताने जा रहे हैं।

  • चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे आज शाम 5 बजकर 30 मिनट पर जारी किए जाने हैं।
  • जुलाई सितंबर तिमाही में ऑटो सेल्स, मैन्युफैक्चरिंग और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बीती तिमाही के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला है।
  • मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की भारतीय इकाई इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया, “हम इंडस्ट्रियल सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन के चलते जीडीपी में तेज सुधार की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि व्यवसाय अब जीएसटी के अनुकूल खुद को ढाल चुके हैं।”
  • रॉयटर्स के मुताबिक जुलाई सितंबर तिमाही के दौरान एनएसई निफ्टी में कंपनियों की कमाई में तेज गति से सुधार देखने को मिला है।
  • रॉयटर्स का कहना है कि ये परिणाम संकेत हैं कि बीते साल लागू हुए नोटबंदी और इस साल जुलाई महीने में लागू किए गए जीएसटी के झटके से कंपनियां अब उबर चुकी हैं। 
  • अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाली तिमाहियों के दौरान जीडीपी में तेज विकास देखने को मिल सकता है क्योंकि जीएसटी संबंधित अवरोध अब खत्म हो चुका है और वैश्विक विकास ने रफ्तार पकड़ी है।
  • रेटिंग एजेंसी मूडीज जिसने हाल ही में भारत की सॉवरेन रेटिंग में इजाफा किया है का मानना है कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी 6.7 फीसद की दर से बढ़ सकती है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए उसने 7.5 फीसद की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
  • वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज गोल्डमैन सैक के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 8 फीसद की जीडीपी ग्रोथ से बढ़ सकती है। इसे सरकारी बैंकों को पुनर्पूंजीकरण के लिए दिए जाने वाले 2.11 लाख करोड़ के राहत पैकेज से बूस्ट मिलेगा। उसका कहना है कि यह देश में लंबे समय तक रुकी हुई क्रेडिट मांग और निजी निवेशों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन, सीमेंट और कमर्शियल व्हीकल के सेक्टर्स में भी आने वाले महीनों में सुधार देखने को मिलेगा। क्योंकि सरकार का मुख्य ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर पर है।
  • वहीं गोल्डमैन सैक ने निफ्टी के लिए अगले दिसंबर तक 11,600 का लक्ष्य रखा है। इस साल घरेलू शेयर बाजार का बेंचमार्क बढ़ रहा है क्योंकि निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि इंडिया इंक (भारतीय कंपनियों) की आय में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि इकोनॉमिक ग्रोथ रफ्तार पकड़ चुकी है।

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