चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्ध दर लुढ़क कर 1.1 फीसद रहने की आशका: SBI report
एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार बंद की अवधि बढ़ाये जाने से 12.1 लाख करोड़ रुपये या बाजार मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन में 6 फीसद का नुकसान होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष में लुढ़क कर 1.1 फीसद तक सीमित रह सकती है। भारतीय स्टैट बैंक (SBI) की एक शोध रिपोर्ट में यह कहा गया है। वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि घट कर 4.1 फीसद रहने का अनुमान है जबकि कई एजेंसियों ने महामारी से पहले इसके 5 फीसद रहने की संभावना जतायी थी।
बता दें कि इस वायरस से दुनिया भर के 20 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं जबकि 1.3 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई है।
एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार बंद की अवधि बढ़ाये जाने से 12.1 लाख करोड़ रुपये या बाजार मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन में 6 फीसद का नुकसान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के बाद सरकार 20 अप्रैल से कुछ छूट दे रही है, हम अनुमान लगाते हैं कि वित्त वर्ष 2021 के लिए समग्र नुकसान लगभग 12.1 लाख करोड़ रुपये/ 6 फीसद होगा।
इसमें कहा गया है, 'बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2020-21 में 4.2 के करीब रह सकती है। इस बात के प्रबल आसार हैं कि कर संग्रह के मुकाबले सब्सिडी आगे निकल जाए। हालांकि अगर बाजार मूल्य आधारित जीडीपी वृद्धि दर 4.2 फीसद माना जाए तो वास्तविक जीडीपी (मुद्रास्फीति समायोजित करने के बाद) करीब 1.1 फीसद रहेगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि देशव्यापी बंद का विभिन्न वृहत आथिक मानकों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।