Air India के प्रस्तावित विनिवेश से पहले चुका दिया जाएगा कंपनी के कर्मचारियों का बकाया: हरदीप पुरी
पुरी ने कहा कि Air India के विनिवेश की वर्तमान प्रक्रिया वर्ष 2018 के मुकाबले गुणात्मक रूप से भिन्न है। इस बार हमारा दृष्टिकोण पूरी तरह स्पष्ट है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश से पहले कंपनी के कर्मचारियों का बकाया चुका दिया जाएगा। एरियर के साथ बकाया भुगतान प्रस्तावित एयर इंडिया असेट होल्डिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। इससे पहले दो जनवरी को कंपनी के विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों ने मंत्री से मुलाकात कर निजीकरण की चिंताओं से अवगत कराया था। तब सरकार ने कहा था कि कर्ज में डूबी एयरलाइंस का निजीकरण उसके लिए मजबूरी बन गया है, क्योंकि कंपनी कर्ज के जाल में फंस चुकी है।
पुरी ने कहा कि विनिवेश की वर्तमान प्रक्रिया वर्ष 2018 के मुकाबले गुणात्मक रूप से भिन्न है। इस बार हमारा दृष्टिकोण पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र न सिर्फ बेहद स्पर्धी है, बल्कि इसमें पूंजी की भी अत्यधिक जरूरत होती है। इस क्षेत्र में जो लोग विमान बनाते हैं वे लाभ कमाते हैं, जो एयरपोर्ट का रखरखाव करते हैं वह भी लाभ में रहते हैं, लेकिन जो लोग एयरलाइंस चलाते हैं, वह हमेशा घाटे में रहते हैं। इसे बदलने की जरूरत है।
प्रतिष्ठित ब्रांड है एयर इंडिया
हरदीप पुरी ने एयर इंडिया और उसकी दो सहयोगी कंपनियों को अमूल्य संपत्ति बताते हुए कहा कि जो भी इसे खरीदेगा वह इस प्रतिष्ठित ब्रांड का उपयोग कर सकेगा। कंपनी की भूमि, भवन, पेंटिंग और कलाकृतियां लेनदेन का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर स्थित कुछ ऑफिस और कॉरपोरेट कार्यालय का उपयोग सफल बोलीकर्ता कंपनी कुछ समय कर सकेगी। इस विनिवेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कहने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर पुरी ने कहा कि उनका बयान सरकार का दृष्टिकोण नहीं है। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है और नेता अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
एयर इंडिया के संभावित खरीदारों को विनिवेश प्रक्रिया के शुरुआती चरण में ही कंपनी से जुड़े सभी दस्तावेज और शेयर खरीद समझौते के मसौदे तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार के निविदा पत्र के अनुसार संभावित खरीदारों को इसके अलावा एयर इंडिया की खरीद के लिए प्रस्ताव पत्र भेजने के चरण से पहले कंपनी के लेखा-जोखा की विस्तृत शोध रपट भी उपलब्ध कराई जाएगी।
आमतौर पर प्राथमिक सूचना ज्ञापन (पीआइएम) रखे जाने के बाद बोली लगाने वालों के रुचि दिखाने पर उन्हें सभी दस्तावेज और शेयर खरीद समझौते का मसौदा उपलब्ध कराया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि विस्तृत रपट बनाते वक्त कंपनी के विभिन्न समझौतों के विधिक और प्रौद्योगिकी पक्षों के लिए बहुत जल्द प्रौद्योगिकी और कानूनी सलाहकार की नियुक्ति करेगी। बोली लगाने वालों में जिन्हें कंपनी के दस्तावेजों और शेयर खरीद समझौते के मसौदे का अध्ययन करना है, उन्हें एक करोड़ रुपये जमा कराने होंगे।