DPIL ने किया 2655 करोड़ रुपये का बैंकिंग फ्रॉड, जानिए किस बैंक से लिया कितना लोन
DPIL ने लीड बैंकों को स्टॉक्स की गलत स्टेटमेंट दिया करता था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बिजली के केबल एवं उपकरण बनाने वाली वडोदरा की कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआईएल) पर बैंकों को 2655 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई ने इस कंपनी और निदेशकों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराया है। कंपनी पर आरोप है कि इसने बैंक के अफसरों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सैंकड़ों करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है।
सीबीआइ ने गुरुवार को कंपनी के संस्थापक सुरेश नारायण भटनागर, उसके बेटे व प्रबंध निदेशक अमित, सुमित भटनागर के आवास व फैक्ट्रियों पर छापा मारकर कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। कंपनी ने 2008 से बैंक अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत से सैकड़ों करोड़ के लोन पास कराए और फर्जी दस्तावेज, झूठे स्टॉक स्टेटमेंट, बैंक खातों व कंपनी की बैलेंस शीट के जरिए लोन लेते गए।
इस फर्म पर आरोप है कि इसने विभिन्न बैंकों के अधिकारियों के साथ मिलकर क्रेडिड फैसिलिटी को बढ़ावा दिया था। सीबीआई के मुताबिक कंपनी लीड बैंकों को स्टॉक्स की गलत स्टेटमेंट दिया करती थी। इसमें वह 180 दिनों से अधिक के रिसिवेबल्स को 180 दिनों से कम के रिसिवेबल्स बनाकर दिखाया करती थी। इस तरह से कंपनी अपने कैश क्रेडिट खाते में अधिक पैसों की निकासी का अधिकार प्राप्त कर लेती थी।
कंपनी और उसके निदेशक टर्म लोन और क्रेडिट सुविधाएं भी पाने में सफल रहे। कंपनी का नाम आरबीआइ की डिफॉल्टर सूची और एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की सावधानी सूची में आने के बावजूद बैंकों ने उसकी क्रेडिट लिमिट बढ़ा दी। 2008 से जून 2016 तक भटनागर बंधुओं ने इस घोटाले को अंजाम दिया।