ई-कॉमर्स कंपनियों का स्वागत लेकिन नियमों के तहत करना होगा काम, टर्नओवर से ज्यादा घाटा होना अच्छे संकेत नहीं: गोयल
गोयल ने इससे पहले एक बार कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में एक अरब डालर का निवेश कर देश पर कोई एहसान नहीं कर रही है क्योंकि वह अपने नुकसान को पूरा करने के लिए धन ला रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश में ई-कॉमर्स मंचों का परिचालन कर रही कंपनियों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई ई-रिटेल कंपनी पांच हजार करोड़ रुपये के कारोबार पर छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठा रही हो तब यह न तो अच्छा दिखता है, न अच्छा लगता है और न ही इससे अच्छे संकेत मिलते हैं। एक निजी टीवी चैनल के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों का स्वागत करता है, लेकिन उन्हें देश के कायदे-कानून के दायरे में रहकर ही काम करना होगा।
गोयल ने इससे पहले एक बार कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में एक अरब डालर का निवेश कर देश पर कोई एहसान नहीं कर रही है क्योंकि वह अपने नुकसान को पूरा करने के लिए धन ला रही है।
वाणिज्य मंत्री ने फिर कहा कि 'यदि ई-रिटेल कंपनियां लिखे कानून और उसकी भावनाओं के अनुसार चलें तो न तो उनका मंत्रालय और न ही प्रतिस्पर्धा आयोग इन कंपनियों की जांच करेगा। वह अमेजन के बारे में अपने पहले के बयान पर सवाल का जवाब दे रहे थे।
कंपनी द्वारा इस क्षेत्र में भारत के कानूनों का उल्लंघन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा आयोग की प्राथमिक जांच रिपोर्ट मेरे सामने है। मेरा कार्यालय भी विभिन्न तौर-तरीकों के बारे में पूछताछ कर रहा है। गोयल ने कहा कि मुझे उम्मीद और विश्वास है कि हर कोई कानून और उसकी भावना के अनुसार चल सकता है और हमें यह नहीं देखना पड़ेगा कि क्या कोई कानून तोड़ तो नहीं रहा है। लेकिन जिस किसी को घाटा हो रहा है, उसे घाटा पूरा करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाना ही होगा।
मंत्री ने कहा कि हम ई-कॉमर्स उद्योग में कंपनियों से कानून और उसकी भावना के अनुसार चलने की अपील करते हैं, मेरा मानना है कि इसमें ही सबकी भलाई है। उन्होंने कहा कि घाटा हो रहा है तो उसे पूरा करने के लिए कंपनी को एफडीआई लाना ही पड़ेगा। इसी संदर्भ में मैंने 16 जनवरी को वह बयान (एहसान वाला) दिया था।
निर्यात बढ़ाने के लिए 12- 13 क्षेत्रों पर ध्यान दे रही सरकार
पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार निर्यात बढ़ाने के लिए कपड़ा जैसे प्रतिस्पर्धा के लिहाज से बेहतर स्थिति वाले 12- 13 क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि निर्यात कारोबार तभी बढ़ता है जब विभिन्न क्षेत्रों में तुलनात्मक और प्रतिस्पर्धा दोनों के लिहाज से अग्रणी स्थिति होती है।
गोयल ने कहा, 'हम अब 12 से 13 ऐसे क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जहां हमारा मानना है कि भारत प्रतिस्पर्धा के लिहाज से बेहतर स्थिति में है और अधिक निर्यात कर सकता है।'
गोयल ने हाथ से बने कपड़े का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार इस क्षेत्र पर कई सालों से ध्यान देती आ रही है। भारत ने हमेशा ही सूती कपड़ों पर ज्यादा ध्यान दिया है। इस दौरान दुनिया ने भी मानव निर्मित कपड़ों की तरफ ज्यादा लगाव दिखाया है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने कपड़ा क्षेत्र में काम कर रहे लोगों से कहा है कि उनके पास अगले दस साल के दौरान मौजूदा 37 अरब डालर से बढ़कर 100 अरब डालर तक का निर्यात करने की संभावना है।