आगे नहीं बढ़ पाई 45 PSU के विनिवेश की प्रक्रिया
नीति आयोग अब तक सरकार को पांच सूची सौंपकर कुल 45 सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश यानी उन्हें निजी क्षेत्र को बेचने की सिफारिश कर चुका है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नीति आयोग ने तत्परता दिखाते हुए भले ही दो साल में 45 सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) की पहचान कर इन्हें बेचने की सिफारिश कर दी हो, लेकिन विनिवेश विभाग यानी दीपम इस पर कुंडली मारकर बैठा है। हाल यह है कि इनमें से कई उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश के प्रस्ताव को कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति (सीसीईए) की हरी झंडी मिलने के बाद भी अब तक कुछ खास प्रगति नहीं हुई है।
सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग अब तक सरकार को पांच सूची सौंपकर कुल 45 सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश यानी उन्हें निजी क्षेत्र को बेचने की सिफारिश कर चुका है लेकिन अब इनमें से एक भी अंजाम तक नहीं पहुंचा है। मसलन, हिन्दुस्तान एंटीबॉयोटिक्स लिमिटेड और सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी करीब दर्जनभर कंपनियों को सीसीईए की मंजूरी मिलने के बाद भी अब तक कुछ पता नहीं कि इनके रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया अभी किस चरण में है।
सूत्रों ने कहा कि आयोग ने ताजा सूची में 11 पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश की सिफारिश की है जिसमें बीएचईएल, एंड्रयू यूल एंड कंपनी, आइटीडीसी अशोक, एमटीएनएल, बामर लॉरी, नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन, एफसीआइ अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स (एफएजीएमआइएल), हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, मेकॉन लिमिटेड, ब्रेथवेट एंड कंपनी और टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए अपने बजट भाषण में घोषणा कर नीति आयोग को उन पीएसयू की पहचान करने को कहा था जिनका रणनीतिक विनिवेश यानी बेचा जाना है। आयोग पीएसयू की पहचान कर सरकार को सूची सौंप देता है फिर विनिवेश पर समितियों की समिति (सीओसी) विचार करती है और उसके बाद उसे कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है।
सीसीईए की मंजूरी मिलने के बाद विनिवेश विभाग इनकी बिक्री प्रक्रिया पूरी करने के लिए एडवाइजर नियुक्त करता है और एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) जारी करता है। जैसे हाल ही में विनिवेश विभाग ने एयर इंडिया और एयर इंडिया चार्टर लिमिटेड के लिए ईओआइ जारी किया था।