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डिस्कॉम पर बिजली कंपनियों का बकाया 24 फीसद बढ़ा, सालभर पहले 1,10,660 करोड़ रुपये थी वितरण कंपनियों की देनदारी

बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान उत्तर प्रदेश जम्मू-कश्मीर तेलंगाना आंध्र प्रदेश कर्नाटक महाराष्ट्र झारखंड हरियाणा और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 07:17 AM (IST)
डिस्कॉम पर बिजली कंपनियों का बकाया 24 फीसद बढ़ा, सालभर पहले 1,10,660 करोड़ रुपये थी वितरण कंपनियों की देनदारी
डिस्कॉम पर बिजली कंपनियों का बकाया 24 फीसद बढ़ा

नई दिल्ली, पीटीआइ। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया दिसंबर, 2020 में 1,36,966 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह सालभर पहले के मुकाबले 24 फीसद ज्यादा है। दिसंबर, 2019 तक डिस्कॉम पर बिजली कंपनियों का बकाया 1,10,660 करोड़ रुपये था। पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्योरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इनवॉयसिंग ऑफ जनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है।बिजली उत्पादकों तथा वितरकों के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए मई, 2018 में प्राप्ति पोर्टल को शुरू किया गया था। 

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दिसंबर, 2020 तक 45 दिन की मियाद यानी ग्रेस पीरियड बीतने के बाद भी डिस्कॉम पर बकाया राशि 1,27,498 करोड़ रुपये रही, जो सालभर पहले 97,835 करोड़ रुपये थी। पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में कुल बकाया इससे पिछले महीने की तुलना में घटा है। नवंबर, 2020 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,40,741 करोड़ रुपये था। दिसंबर, 2020 में डिस्कॉम पर 45 दिन के ग्रेस पीरियड के बाद का बकाया घटा है। नवंबर, 2020 में यह 1,27,539 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक कंपनियां दंडात्मक ब्याज वसूलती है।बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने पहली अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू है। 

इसके तहत डिस्कॉम को बिजली पाने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट देना होता है। बिजली वितरण कंपनियों को भी राहत देते हुए कोविड-19 महामारी की वजह से भुगतान में देरी पर सरकार ने दंडात्मक शुल्क माफ कर कर दिया था।मई, 2020 में सरकार ने डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की मदद का भी एलान किया था। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। 

बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है।


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