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विकलांग नौकरीपेशा 1.25 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती कर सकते हैं क्लेम, जानिए कैसे

विकलांग नौकरीपेशा टैक्स बचाने के लिए आयकर की दो धाराओं का इस्तेमाल कर सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 08:39 AM (IST)
विकलांग नौकरीपेशा 1.25 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती कर सकते हैं क्लेम, जानिए कैसे
विकलांग नौकरीपेशा 1.25 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती कर सकते हैं क्लेम, जानिए कैसे

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा लोगों के पास टैक्स बचाने के लिए कुछ ही दिन का वक्त बचा है। ऐसे लोगों को टैक्स बचाने के लिए अपने ऑफिस में निवेश और टैक्स बचाने से जुड़े सभी दस्तावेज 31 मार्च से पहले जमा कराने होंगे। ऐसा न करने की सूरत में उन्हें आईटीआर फाइलिंग का इंतजार करना होगा, जहां वो अपने बचे हुए अतिरिक्त टैक्स का रिफंड पा सकते हैं।

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आमतौर पर नौकरीपेशा आयकर की धारा 80C और 80D की मदद से अपना काफी सारा टैक्स बचा लेते हैं। वहीं समाज के विकलांग वर्ग को भी आयकर अधिनियम के तहत कुछ छूट प्रदान की जाती है। हम अपनी खबर के माध्यम से आपको यह बताने की कोशिश करेंगे कि विकलांग व्यक्ति को आयकर कानून के अंतर्गत कितनी छूट दी जाती है।

विकलांग व्यक्तियों को इनकम टैक्स में छूट आयकर की दो धाराओं के अंतर्गत मिलती है। आयकर की ये धाराएं 80U और 80 DD हैं। जानिए किस धारा के अंतर्गत मिलती है कितनी छूट और कैसे।

आयकर की धारा 80U के अंतर्गत छूट?

विकलांग व्यक्ति को आयकर के प्रावधानों के अंतर्गत कितनी छूट मिलती है यह विकलांगता के फीसद पर निर्भर करता है। अगर व्यक्ति 80 फीसद के कम विकलांग है तो उसे 75,000 तक की छूट मिलती है। वहीं अगर विकलांगता 80 फीसद से ऊपर है तो यह छूट 1 लाख 25 हजार होती है। 80U के अंतर्गत यह छूट व्यक्तिगत तौर पर ली जा सकती है। यानी अगर आप खुद विकलांग है तो आप अपने आईटीआर में इसे क्लेम कर सकते हैं।

आयकर की धारा 80 DD के अंतर्गत छूट?

अगर छूट सीमा की बात करें तो 80 DD और 80U में कोई अंतर नहीं होता है। यानी यह विकलांगता के फीसद के आधार पर 80U की ही तरह होती है। अगर व्यक्ति 80 फीसद के कम विकलांग है तो उसे 75,000 तक की छूट मिलती है। वहीं अगर विकलांगता 80 फीसद से ऊपर है तो यह छूट 1 लाख 25 हजार होती है। हालांकि लाभ लेने की स्थिति के आधार पर यह 80U के मुकाबले थोड़ा अलग होती है। अगर विकलांग व्यक्ति किसी पर आश्रित है तो यह छूट उस व्यक्ति को मिलती है जो कि विकलांग व्यक्ति का फैमिली मेंबर (देखरेख करने वाला) होता है। इसमें उसके माता-पिता, बीबी या फिर भाई-बहन हो सकते हैं। यानी इसमें अगर कोई नौकरीपेशा किसी विकलांग व्यक्ति की देखभाल कर रहा है, उस पर पैसा खर्च कर रहा है तो वह आईटीआर में इसका उल्लेख कर टैक्स कटौती क्लेम कर सकता है।


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