छोटे, मझौले कारोबार के डिजिटलीकरण से 2024 तक 216 अरब डॉलर बढ़ेगी जीडीपी : रिपोर्ट
भारत के 68 फीसद छोटे व मझौले कारोबार में नए उत्पाद व सेवा बाजार में लाने के लिए डिजिटल बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है
नई दिल्ली, आइएएनएस। छोटे व मझौले के कारोबार (SMB) का डिजिटलीकरण होने से 2024 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 216 अरब डॉलर का इजाफा हो सकता है, जिससे कोरोना महामारी के संकट से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से देश को उबारने में मदद मिलेगी। यह बात मंगलवार को एक अध्ययन की रिपोर्ट में कही गई।
सिस्को इंडिया की एसएमबी डिजिटल मैच्युरिटी स्टडी-2020 रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 68 फीसद छोटे व मझौले कारोबार में नए उत्पाद व सेवा बाजार में लाने के लिए डिजिटल बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है क्योंकि वे स्पर्धा में खुद को अलग देखना चाहते हैं। वहीं, 60 फीसद का मानना है कि प्रतिस्पर्धा भी बदल रही है और इस बदलाव की गति को बरकरार रखने की जरूरत है। अध्ययन के अनुसार, 50 फीसद छोटे व मझौले कारोबार में ग्राहकों की मांग के अनुरूप डिजिटलीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
नैसकॉम के अनुसार, भारत में रजिस्टर्ड व बिना रजिस्टर्ड छोटे व मझौले उद्योगों की तादाद करीब 4.25 करोड़ है जोकि देश की कुल औद्योगिक कंपनियों का करीब 95 फीसद है।
सिस्को इंडिया व सार्क के एसएमबी प्रबंध निदेशक पी के पनीश ने कहा, इस कठिन समय में छोटे कारोबारी तरलता की कमी, बाधित सप्लाई चेन और कर्ज मिलने की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इस चुनौतियों से उबरने के लिए उनको जल्द अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव करने और बदले हालात में अपनी भूमिका की पहचान करने की जरूरत है।
ज्यादातर छोटे कारोबारी इस बात को समझ गए हैं कि उनको डिजिटलीकरण की जरूरत है। आईडीसी और सिस्को द्वारा पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में करवाए गए सर्वेक्षण पर आधारित इस अध्ययन में बताया गया है कि भारत में एसएमबी के लिए प्रौद्योगिकी निवेश की शीर्ष प्राथमिकता में क्लाउड है जो कि करीब 16 फीसद है उसके बाद सुरक्षा पर 13 फीसद और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्च र सॉफ्टवेयर की खरीद व उसको उन्नत बनाने पर 12 फीसद जोर है।