वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए होगी डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना
इन दिनों वित्तीय धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर या ई-मेल के जरिये बैंक खाते में सेंधमारी की घटनाएं अधिक हो रही है। प्रसाद की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉमर्शियल कॉल की संख्या बढ़ने की बात कही गई।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार डिजिटल व्यवस्था में ग्राहकों का भरोसा मजबूत करने के लिए कई सुधारों की तैयारी में है। इसके तहत ग्राहकों को अनचाहे कॉमर्शियल कॉल या एसएमएस भेजने वाली कंपनियों पर जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है। ऐसे एप विकसित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से ग्राहक टेलीकॉम कंपनियों को अनचाहे कॉल, एसएमएस और वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत कर सकेंगे। वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की जाएगी। सोमवार को टेलीकॉम मंत्री रवि शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसले लिए गए।
इन दिनों वित्तीय धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर या ई-मेल के जरिये बैंक खाते में सेंधमारी की घटनाएं अधिक हो रही है। प्रसाद की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कॉमर्शियल कॉल की संख्या बढ़ने की बात कही गई। अधिकारियों ने कहा कि ग्राहकों द्वारा डु नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) में पंजीकरण करा दिए जाने के बावजूद उसी नंबर से लगातार कॉमर्शियल कॉल और एसएमएस आते रहते हैं।
प्रसाद ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और उन पर जुर्माने का प्रविधान करने के लिए कहा। निर्देशों में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली टेली-मार्के¨टग कंपनियों के कनेक्शन भी काटे जाएंगे। मंत्रालय के निर्देश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए टेलीकॉम एवं टेली-मार्केटिंग कंपनियों के साथ बैठक की जाएगी।
प्रसाद ने कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी के जरिये लोगों की गाढ़ी कमाई उनके बैंक खाते से निकाली जा रही है, जिस पर तत्काल रोका जाना चाहिए। इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रसाद ने डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआइयू) की स्थापना के निर्देश दिए। यह यूनिट तय समय में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को निपटाने का काम करेगी।
डीआइयू के माध्यम से टेलीकॉम कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं के साथ समन्वय रखना भी आसान होगा। टेलीकॉम ग्राहकों के अधिकारों के हित की रक्षा के लिए टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन (टैफकॉप) प्रणाली भी विकसित की जाएगी। मंत्रालय की तरफ से विकसित होने वाले एप पर ग्राहक सभी प्रकार के टेलीकॉम दुरुपयोग एवं अपनी समस्या की जानकारी दे सकेंगे।