देना, विजया और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय का ऐलान, बैंकिंग सुधार के लिए सरकार ने कसी कमर
देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक के गठन की तैयारी शुरू, विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या रह जाएगी 19
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते सरकार ने तीन बैंकों के विलय की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का विलय किया जाएगा। इन तीनों बैंकों को मिलाकर जो बैंक बनेगा, उसका आकार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा और वह एसबीआइ तथा पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
देश की बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए सरकार ने तीनों सरकारी बैंकों को मिलाकर एक करने का फैसला लिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई आर्थिक समीक्षा बैठक के बाद वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने मीडिया को बताया कि सरकार विलय के बाद बनने वाले बैंक को पूंजीगत सहायता देती रहेगी।
राजीव कुमार ने कहा, ‘हमने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का मिलाने का फैसला किया है। इस विलय के बाद देश का तीसरा बड़ा सरकारी बैंक सामने आएगा।’
गौरतलब है कि सरकार ने बजट पेश करने के दौरान बैंकों के एकीकरण का खाका पेश किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों के एकीकरण का फैसला हमारे एजेंडे के मुताबिक है और इस दिशा में पहले कदम की घोषणा की गई है।
उन्होंने कहा, 'किसी भी कर्मचारी को विलय की वजह से किसी प्रतिकूल स्थिति का सामना करना नहीं पड़ेगा। सभी कर्मचारियों के लिए बेहतरीन सेवा शर्ते बहाल होंगी।'
गौरतलब है कि देश की बैंकिंग व्यवस्था के सामने एनपीए की समस्या सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। कुमार ने कहा कि विलय के प्रस्ताव को तीनों बैंकों के निदेशक मंडल को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार की जरूरत है और सरकार बैंकों की पूंजीगत जरूरतों का ख्याल रख रही है। विलय तक तीनों बैंक स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे।
फिलहाल देश में सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया है। इसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर एचडीएफसी और आईसीआईसीआई का नंबर आता है, जो निजी क्षेत्र के बैंक हैं।
दक्षिण भारत में बीओबी को मिलेगा बड़ा बाजार
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के साथ विजया बैंक और देना बैंक को मिलाने के बाद बनने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक संभवत: बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से ही संचालित होगा। हालांकि अंतिम फैसला विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद में ही होगा। अभी तक गुजरात, महाराष्ट्र व उत्तर भारत के कुछ राज्यों में प्रमुखता से काम कर रहे बीओबी को इस विलय से सबसे ज्यादा फायदा होगा। उसे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे अपेक्षाकृत संपन्न राज्यों में एक विशाल बैकिंग नेटवर्क हासिल होगा।
बीओबी के प्रमुख पीएस जयकुमार के मुताबिक, ‘तीनों बैंकों के लिए यह समान अवसर होगा। हमें एक साथ चार बड़े राज्यों में कारोबारी विस्तार का मौका मिलेगा।’तीनों बैंकों के विलय से जो नया बैंक बनेगा, उससे बैंकिंग ऑपरेशन बढ़ेगा और स्थिति में सुधार आएगा। विलय के बाद कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।