दिल्ली HC ने RBI से पूछा सवाल, Google का गूगल-पे बिना ऑथराइजेशन के कैसे कर रहा है काम
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भंभानी की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आरबीआई से यह सवाल पूछा है
By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 08:40 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। दिल्ली हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से पूछा है कि गूगल का मोबाइल भुगतानएप, जीपे (GPay), बिना किसी आवश्यक ऑथराइजेशन के वित्तीय लेनदेन की सुविधा कैसे दे रहा था। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए जे भंभानी की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आरबीआई से यह सवाल पूछा है।
इस याचिका में दावा किया गया कि GPay भुगतान और सेटलमेंट अधिनियम का उल्लंघन करते हुए भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य कर रहा था और इस तरह के कार्यों को करने के लिए केंद्रीय बैंक से इसको कोई अधिकार भी नहीं मिला हुआ है।
अदालत ने आरबीआई और गूगल इंडिया को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में अभिजीत मिश्रा की ओर से दायर याचिका में उठाए गए मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की मांग की है। इसमें यह तर्क दिया गया है कि GPay आरबीआई की अधिकृत 'भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों' की सूची में नहीं है, जिसे आरबीआई की ओर से 20 मार्च 2019 को जारी किया गया था।
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