Move to Jagran APP

साइरस मिस्त्री को कहीं अलग अंदाज तो भारी नहीं पड़ गया

साइरस मिस्त्री से टाटा समूह की कमान वापस लेकर रतन टाटा को सौंपकर टाटा संस के निदेशक बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समूह को चलाने का मिस्त्री का अंदाज सर्वमान्य नहीं था

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 01:36 PM (IST)
साइरस मिस्त्री को कहीं अलग अंदाज तो भारी नहीं पड़ गया

जागरण ब्यूरो: साइरस मिस्त्री से टाटा समूह की कमान वापस लेकर रतन टाटा को सौंपकर टाटा संस के निदेशक बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समूह को चलाने का मिस्त्री का अंदाज सर्वमान्य नहीं था। समूह की पुरानी संस्कृति को बदलकर नई सोच पर अमल और नुकसान में चल रहे व्यवसायों को लेकर उनकी नीति ही शायद मिस्नी की इस डेढ़ सौ साल पुरानी कंपनी के प्रमुख पद से हटा ये जाने की वजह बन गई।

loksabha election banner

साइरस को हटाये जाने के पीछे एक वजह बीते चार साल में समूह की कई कंपनियों का प्रदर्शन भी माना जा रहा है। उद्योग जगत के जानकारों का मानना है कि बीते चार साल में साइरस के नेतृत्व में टाटा समूह कोई उल्लेखनीय छाप नहीं छोड़ पाया है। टाटा मोटर्स और टीसीएस के अतिरिक्त स्टील सहित बाकी सभी कारोबारी क्षेत्रों में समूह के प्रदर्शन में गिरावट ही आई है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो टाटा समूह की वैल्यू पिछले साल के 108 अरब डालर से घटकर 2015-16 में 103 अरब डालर पर आ गया। इतना ही नहीं सूत्र बताते हैं कि टाटा समूह के कर्ज में भी वृद्धि हुई है।

समूह पर नजदीक से नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि ऊंचे मूल्यों, स्थिरता और निरंतरता जैसे मानकों पर चलते रहे टाटा समूह को साइरस की समूह की सोच में बदलाव की नीति को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। साइरस समूह की काम करने की रणनीति में जो बदलाव लाना चाहते थे वे प्रबंधन से जुड़े कई वरिष्ठों को पसंद नहीं थे। टाटा समूह के अधिकांश प्रबंधक समूह की संस्कृति में आने वाले इस संभावित बदलाव को लेकर असहज थे। मिस्त्री के इन प्रयासों के बारे में इन्फोसिस से जुड़े रहे मोहनदास पई का कहना है कि टाटा जैसे समूह में संस्कृति बदलना बहुत चुनौती भरा है।

टाटा समूह के अलाभकारी कारोबारों को बेचने की रणनीति भी साइरस मिस्त्री के खिलाफ गई। टाटा समूह की काम करने की रणनीति के विपरीत मिस्त्री का पूरा फोकस उन कारोबारों पर रहा जिनमें लाभ का मार्जिन काफी अधिक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.