आज टाटा ग्रुप की कमान संभाल लेंगे मिस्त्री
टाटा गु्रप के चेयरमेन के तौर पर सायरस मिस्त्री सोमवार को टाटा संस की कमान संभाल लेंगे। टाटा समूह के 144 साल के इतिहास में यह विशिष्ट पद संभालने वाले वे सिर्फ छठे व्यक्ति होंगे। जमशेदजी नसरवानजी टाटा, (1
मुंबई। टाटा गु्रप के चेयरमेन के तौर पर सायरस मिस्त्री सोमवार को टाटा संस की कमान संभाल लेंगे। टाटा समूह के 144 साल के इतिहास में यह विशिष्ट पद संभालने वाले वे सिर्फ छठे व्यक्ति होंगे। जमशेदजी नसरवानजी टाटा (1868-1904), सर दोराब टाटा (1904-1932), सर नौरोजी सकलातवाला (1932-1938), जेआरडी टाटा (1938-1991) और रतन टाटा (1991-2012) के विशाल पदचिन्हों पर कदम रखकर सायरस मिस्त्री आज से इस ग्रुप के मुखिया होंगे। टाटा संस टाटा औद्योगिक समूह की पैतृक कंपनी है और टाटा संस की अधिकांश शेयर होल्डिंग विभिन्न टाटा पारमार्थिक ट्रस्ट में है। हालांकि, रतन समूह के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।
रतन टाटा के उत्तराधिकारी के तौर पर पिछले साल जब साइरस मिस्त्री का चयन किया गया था तब टाटा समूह से बाहर उन्हें कम ही लोग जानते थे। वे टाटा संस के सबसे बड़े शेयरधारक पलोनजी शापूरजी मिस्त्री के सबसे छोटे बेटे हैं। शापूरजी के पास टाटा संस की 18.5 फीसद हिस्सेदारी है। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की शादी साइरस की बहन से हुई है। चार जुलाई, 1968 को जन्मे मिस्त्री ने लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड मेडिसिन से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है।
टाटा समूह में बदलाव की बयार लाने वाले रतन टाटा 50 साल तक काम करने के बाद 28 दिसंबर को रिटायर हो गए थे। वर्ष 1991 में उन्होंने कंपनी की कमान संभाली थी। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 75 साल पूरे होने पर वह अपना पद छोड़ देंगे। उनकी जगह 44 वर्षीय साइरस पलोनजी मिस्त्री को समूह का चेयरमैन बनाया जा रहा है। इस पद के लिए मिस्त्री को पिछले साल नवंबर में ही चुन लिया गया था। हालांकि, रतन समूह के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।