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नए लोन पर ही मिलेगा सीआरआर छूट का फायदा

बैंकों को अपनी कुल जमा राशि में चार फीसद राशि सीआरआर के तौर पर रिजर्व बैंक में रखनी होती है। इस राशि पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता है।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:04 AM (IST)
नए लोन पर ही मिलेगा सीआरआर छूट का फायदा
नए लोन पर ही मिलेगा सीआरआर छूट का फायदा

नई दिल्ली, एजेंसी। रिजर्व बैंक ने कमर्शियल बैंकों को कर्ज वितरण पर आरक्षित नकद अनुपात (सीआरआर) से छूट देने के हाल के निर्णय पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सुविधा खुदरा क्षेत्र की तीन श्रेणियों आवास, वाहन और एमएसएमई (छोटे--मझोले उद्योग) को दिए जाने वाले लोन विस्तार पर ही लागू होगी।

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रिजर्व बैंक ने खुदरा क्षेत्र को दिए जाने वाले लोन का उठाव ब़़ढाने के लिए 6 फरवरी को मौद्रिक की समीक्षा में कहा था कि वाहन, आवास और एमएसएमई लोन में कर्ज की मूल राशि के ऊपर नया कर्ज दिया जाता है तो इस पर ब़़ढी राशि को सीआरआर से छूट देने की घोषषणा की थी। इसका अर्थ यह हुआ कि कर्ज की राशि में इस तरह से हुई वृद्धि के एवज में बैंकों को सीआरआर के तौर पर चार फीसद की अनिवार्य राशि अलग रखने की जरूरत नहीं होगी।

बैंकों को अपनी कुल जमा राशि में चार फीसद राशि सीआरआर के तौर पर रिजर्व बैंक में रखनी होती है। इस राशि पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता है। रिजर्व बैंक ने छह फरवरी की घोषषणा के बाद 10 फरवरी को साफ किया कि सीआरआर से यह छूट या तो कर्ज की शुरआत से पांच साल तक या कर्ज की परिपक्वता अवधि तक मिलेगी। यदि कर्ज की परिपक्वता अवधि पांच साल से अधिक हुई तो यह छूट पांच साल के लिये ही मान्य होगी।

कुछ बैंकों ने रिजर्व बैंक द्वारा बताई गई तीन खुदरा श्रेणियों के कर्ज में विस्तार की राशि को सीआरआर से मिलने वाली छूट की गणना को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी।


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