Move to Jagran APP

क्रिसिल ने घटाया विकास अनुमान

प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाकर छह फीसद कर दिया है। इससे पहले एजेंसी ने 6.4 फीसद की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। ऊंची ब्याज दरों, खपत में कमी और खनन एवं अन्य परियोजनाओं की मंजूरियों में देरी के चलते विकास अनुमान में यह कटौती की है। चालू वित्त वर्ष के

By Edited By: Published: Tue, 16 Apr 2013 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
क्रिसिल ने घटाया विकास अनुमान

मुंबई। प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाकर छह फीसद कर दिया है। इससे पहले एजेंसी ने 6.4 फीसद की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। ऊंची ब्याज दरों, खपत में कमी और खनन एवं अन्य परियोजनाओं की मंजूरियों में देरी के चलते विकास अनुमान में यह कटौती की है।

loksabha election banner

चालू वित्त वर्ष के बजट में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 6.1 से 6.7 फीसद की वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है। क्रिसिल ने एक बयान में कहा कि घरेलू खपत में वृद्धि की दर काफी धीमी है। इससे मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में की गई कमी कर्ज दरों में कमी के रूप में तब्दील नहीं हो रही है। अगले वित्त वर्ष में विकास दर पिछले साल के पांच फीसद से तो ज्यादा रहेगी, लेकिन इसमें सुधार अनिश्चित ही रहेगा।

खनन और अन्य परियोजनाओं को मंजूरी देने की धीमी रफ्तार से भी मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा भी 5.1 फीसद रहने का अनुमान जताया है। बजट में यह घाटा 4.8 फीसद तक घटाने का लक्ष्य रखा गया है। विकास दर कम रहने से कर संग्रह में 19 फीसद की वृद्धि का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकेगा। इससे राजकोषीय घाटे का लक्ष्य भी पूरा नहीं होगा। वैसे, चालू खाते का घाटा बीते साल के ऊंचे स्तर से घटकर 4.5 फीसद तक रह सकता है। कच्चे तेल और धातुओं की कीमतों में नरमी से चालू खाते के घाटे में यह कमी दर्ज हो सकती है।

पहली तिमाही में बढ़ेगी विकास दर

नई दिल्ली। ग्लोबल वित्तीय सेवा दिग्गज बीएनपी पारिबा का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर रफ्तार पकड़ सकती है। पारिबा ने कहा कि पिछली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था की गिरावट थम चुकी है और अब सुधार के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

समूह ने अपने एक बयान में कहा कि फरवरी में आश्चर्यजनक रूप से औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई है और निर्यात में भी सुधार हुआ है। इससे स्पष्ट है कि पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर रफ्तार पकड़ेगी। इसी तरह एक अन्य वैश्विक वित्तीय सेवा दिग्गज मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा दौर खत्म हो चुका है। सरकार ने संरचनात्मक सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इसलिए अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.