नवंबर में खुदरा महंगाई 2.33% के साथ डेढ़ साल के निचले स्तर पर, अक्टूबर में ग्रोथ ने भी पकड़ी रफ्तार
नवंबर महीने में सीपीआई आधारित महंगाई दर में बीते महीने के मुकाबले और नरमी देखने को मिली है, वहीं अक्टूबर में ग्रोथ के मोर्चे पर भी राहत की खबर आई है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नवंबर महीने में महंगाई के मोर्चे पर राहत की बड़ी खबर आई है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 2.33 फीसद रही है। यह जुलाई 2017 केे बाद अब तक का सबसे निचला स्तर है।वहीं अक्टूबर महीने खुदरा महंगाई दर 3.31 फीसद और सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 3.77 फीसद रही थी। गौरतलब है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से बुधवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए हैं।
शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर मासिक आधार पर 3.12 फीसद रही है जबकि बीते महीने यह 3.97 फीसद रही थी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की महंगाई दर 1.71 फीसद रही है जबकि पिछले महीने यह 3.34 फीसद रही थी। मासिक आधार नवबंर में खाद्य महंगाई दर -0.86 फीसदी से घटकर -2.61 फीसद पर आ गई है। यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई दर आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य के नीचे रही है। इसी को देखते हुए आरबीआई ने इस महीने नीतिगत दरों को यथावत रखा था।
मासिक आधार पर नवबंर में खाद्यान्न की महंगाई दर 2.5 फीसद से घटकर 0.8 फीसद पर आ गई। वहीं सब्जियों की महंगाई दर -8.6 फीसद से घटकर -15.5 फीसद पर आ गई। इसके अलावा मासिक आधार पर नवबंर में कपड़ों और जूतों की महंगाई 3.55 फीसदी से 3.5 फीसद पर आ गई जबकि दालों की महंगाई दर -10.28 से -9.22 फीसद पर आ गई।
इस साल का अब तक का प्रदर्शन: जनवरी के मुकाबले इस साल लगभग हर महीने खुदरा महंगाई के आंकड़ों ने सुधार दिखाया है। हालांकि इसमें उतार चढ़ाव जारी रहा। अक्टूबर और नवंबर महीने में सीपीआई ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
ग्रोथ के मोर्चे पर भी आई राहत की खबर: अक्टूबर महीने में ग्रोथ के मोर्चे पर राहत की खबर आई है। अक्टूबर में आईआईपी ग्रोथ 8.1 फीसद रही है जबकि सितंबर में आईआईपी ग्रोथ 4.5 फीसदी रही थी। मासिक आधार पर अक्टूबर में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 8.2 फीसद से बढ़कर 8.10 फीसद पर आ गई। वहीं माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 0.2 फीसद से बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई। इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग की ग्रोथ 4.6 फीसद से बढ़कर 7.9 पर आ गई। प्राइमरी गुड्स की ग्रोथ भी 2.6 फीसद से बढ़कर 6 फीसद के स्तर पर आ गई।