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COVID-19 impact: RBI चुनिंदा सेक्टर के लिए चुन सकता है लोन रीकास्ट का विकल्प

पिछले हफ्ते वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार तनावग्रस्त कंपनियों की मदद के लिए लोन के एक बार रिस्ट्रक्चर के लिए आरबीआई के साथ बातचीत कर रही है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 07:03 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:03 PM (IST)
COVID-19 impact: RBI चुनिंदा सेक्टर के लिए चुन सकता है लोन रीकास्ट का विकल्प
COVID-19 impact: RBI चुनिंदा सेक्टर के लिए चुन सकता है लोन रीकास्ट का विकल्प

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कुछ सेक्टरों के लिए एक बार की लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है, ये सेक्टर COVID-19 महामारी की चपेट में है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और कई अन्य संगठनों ने रिजर्व बैंक के साथ साथ सरकार को भी इस संबंध में ज्ञापन दिये हैं। इन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबार में जबर्दस्त उथल पुथल के कारण कर्ज का एक बारगी पुनर्गठन किया जाना चाहिये।

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मूल्यांकन के आधार पर इस क्षेत्र के लिए लोन की पात्रता तैयार की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में कुछ जानकारी अगस्त के अंत में आ जानी चाहिए जब इसकी छह महीने की मोहलत समाप्त हो जाए। लोन रीकास्ट के लिए प्रतिस्पर्धा में कुछ क्षेत्रों में हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन, विमानन और निर्माण हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि पिछले वर्ष में RBI द्वारा अनुमिति मिलने के बाद लोन के पुनर्गठन से पांच लाख से अधिक MSME को लाभ हुआ है। रिस्ट्रक्चरिंग विंडो 31 मार्च, 2020 को समाप्त होना था। सरकार ने RBI से इस विंडो को 31 मार्च, 2021 तक विस्तारित करने पर विचार करने के लिए कहा है।

पिछले हफ्ते, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार तनावग्रस्त कंपनियों की मदद के लिए लोन के एक बार रिस्ट्रक्चर के लिए आरबीआई के साथ बातचीत कर रही है।

2008 में भी, जब दुनिया लीमैन ब्रदर्स के दिवालिया होने के बाद वैश्विक वित्तीय संकट से घिर गई थी, तब आरबीआई ने कई क्षेत्रों के लिए एक बार के लोन रिस्ट्रक्चरिंग की घोषणा की थी, ताकि उन्हें आर्थिक संकट से निपटने में मदद मिल सके।


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