एयरटेल और ओकला के खिलाफ रिलायंस जियो की याचिका कोर्ट ने खारिज की
एयरटेल के खिलाफ जियो की एक याचिका को मुंबई की एक अदालत ने खारिज कर दिया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। दूरसंचार कंपनी रिलायंस इंफोकॉम को मुंबई की अदालत ने झटका दिया है। अदालत ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कंपनी ने भारती एयरटेल के विज्ञापन को साजिश, मानहानि और विश्वासघात वाला बताया था। दरअसल भारती एयरटेल ने ओकला स्पीडटेस्ट एप्लीकेशन के नतीजों को आधार मानकर एयरटेल को भारत की 'ऑफिशियली भारत का सबसे तेज इंटरनेट' होने का दावा किया था।
मार्च महीने के दौरान रिलायंस जियो ने एयरटेल पर एक भ्रामक विज्ञापन प्रसारित करने का आरोप लगाया था जिसमें दावा किया गया था कि एयरटेल "आधिकारिक तौर पर भारत का सबसे तेज़ नेटवर्क है।” इस विज्ञापन में कहा गया था कि यह रिपोर्ट ओकला के स्पीडटेस्ट एप पर आधारित है। ओकला ने उपभोक्ताओं की ओर से शुरू किए गए स्पीडटेस्ट परिणामों (साल 2016 की तीसरी और चौथी तिमाही) के आधार पर फरवरी में एयरटेल का सबसे तेज मोबाइल कैरियर का खिताब दिया था। ओकला एक निजी कंपनी है और इसे टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) या दूरसंचार विभाग की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं है, जियो ने इसकी स्पीड पद्धति पर ही सवाल उठाए हैं।
बाद में जियो ने विज्ञापन उद्योग निगरानी एजेंसी भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) में भी शिकायत दर्ज कराई थी और एयरटेल विज्ञापन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कहा था। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने दलील दी थी कि एयरटेल को अपने विज्ञापन में "आधिकारिक तौर पर" शब्द का उपयोग नहीं करना चाहिए।