20 सितंबर को GST संग्रह की समीक्षा करेगी काउंसिल, दरों में कटौती का फैसला मुश्किल
कमेटी के सदस्यों का विचार है कि जीएसटी की दरों में इस समय कटौती करने से राजस्व की बड़ी हानि होगी इसलिए यह फैसला काउंसिल पर ही छोड़ा जाए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जीएसटी संग्रह में सुस्ती के मद्देनजर जीएसटी काउंसिल 20 सितंबर को होने वाली बैठक में चालू वित्त वर्ष में अब तक इस मद से हासिल राजस्व की समीक्षा करेगी। जीएसटी संग्रह में उम्मीद के मुताबिक वृद्धि न होने के चलते इस बैठक में टैक्स की दरों में कटौती की संभावना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी की बैठक में उद्योग जगत तथा विभिन्न समूहों की ओर से कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाने की मांग पर विचार किया गया। लेकिन कमेटी ने जीएसटी संग्रह में अपेक्षानुरूप वृद्धि न होने के चलते जीएसटी की दरों में कटौती की सिफारिश से परहेज किया है।
कमेटी के सदस्यों का विचार है कि जीएसटी की दरों में इस समय कटौती करने से राजस्व की बड़ी हानि होगी, इसलिए यह फैसला काउंसिल पर ही छोड़ा जाए। काउंसिल ने पिछले कई महीने से जीएसटी संग्रह की समीक्षा नहीं की है। इसलिए काउंसिल में चर्चा के बाद ही तय होगा कि इस संबंध में निर्णय किया जाए या नहीं। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में मासिक जीएसटी संग्रह अपेक्षानुरूप नहीं हुआ है।
अप्रैल से अगस्त की अवधि में कुल जीएसटी संग्रह महज 5,14,378 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले साल समान अवधि में जुटाए गए 4,83,527 करोड़ रुपये के मुकाबले मात्र 6.38 प्रतिशत अधिक है।
सरकार की दिक्कत कहां
फिलहाल ऑटो सेक्टर से सरकार को सालाना ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये तक राजस्व मिलता है। ऐसे में अगर इस सेक्टर में जीएसटी घटाने की मांग मानी गई, तो सरकार के खजाने पर 50 हजार करोड़ रुपये तक का बोझ पड़ सकता है। सीमेंट पर भी जीएसटी कटौती से भारी भरकम 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि फिटमेंट कमेटी ने यह निर्णय काउंसिल पर छोड़ने का निर्णय किया है। फिटमेंट कमेटी में केंद्र और राज्यों के अधिकारी शामिल हैं। यह कमेटी जीएसटी की दरें तय करती है।