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कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स पर बैंकों का कड़ा रुख

फंसे कर्जो के बढ़ रहे स्तर के साथ कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स पर बैंकों का रुख कड़ा हो गया है। उन्होंने कॉरपोरेट पोर्टफोलियो को लेकर सक्रिय कार्रवाई की रणनीति अपनाई है।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2016 09:25 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2016 10:30 PM (IST)
कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स पर बैंकों का कड़ा रुख

दावोस। फंसे कर्जो के बढ़ रहे स्तर के साथ कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स पर बैंकों का रुख कड़ा हो गया है। उन्होंने कॉरपोरेट पोर्टफोलियो को लेकर सक्रिय कार्रवाई की रणनीति अपनाई है। हाई-रेटेड क्लाइंट उनके फोकस पर हैं। आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पोर्टफोलियो में रिटेल क्लाइंट के हिस्से को बढ़ाना भी बैंकों की रणनीति में शामिल है।

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व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में टॉप बैंकर ने कहा कि रिटेल सेगमेंट में असेट क्वॉलिटी की स्थिति अच्छी है। कॉरपोरेट सेक्टर में चुनौतियां बनी हुई हैं। परियोजनाएं पूरी होने में समय लगता है। लिहाजा नकदी प्रवाह में भी देरी होती है। असेट बिक्री और प्रबंधन में बदलाव के जरिये बैंक चुनौतियों का समाधान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। ऐसे मामलों में जहां प्रमोटर्स सहयोग नहीं करते हैं, बैंक कानूनी रास्ता अपनाते हैं। इनके जरिये वे संविदा संबंधी अधिकार लागू कर रहे हैं।

अपने बैंक के बारे में बातचीत करते हुए कोचर ने कहा कि आइसीआइसीआइ बैंक की रणनीति में कॉरपोरेट पोर्टफोलियो पर करीब से निगरानी और सक्रिय कार्रवाई शामिल हैं। इसी के तहत पोर्टफोलियो में रिटेल का हिस्सा बढ़ाना और हाई-रेटेड क्लाइंट पर फोकस करना भी शुमार है। तमाम चिंताओं को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक भी विभिन्न स्तर पर बैंकों के साथ चर्चा में है। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार, केंद्रीय बैंक और बैंकों की आपसी कोशिशों से कुछ समय में समस्याओं का समाधान निकल आएगा।

आने वाली तिमाहियों में बैंकिंग सेक्टर के वित्तीय प्रदर्शन पर दृष्टिकोण प्रकट करते हुए कोचर ने कहा कि रिटेल बिजनेस की ग्रोथ तेज बनी रहेगी। कॉरपोरेट उधारी की रफ्तार पकड़ने में थोड़ा समय लग सकता है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ धीरे-धीरे स्थितियों में सुधार होगा। भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर के इतिहास में संकट का वह स्तर कभी नहीं रहा, जो अन्य क्षेत्रों में देखा गया। इसके लिए कोचर ने देश में मजबूत नियामकीय ढांचे को श्रेय दिया। बोलीं कि भारतीय रिजर्व बैंक के नियम ग्लोबल मानकों के तर्ज पर हैं। कुछ क्षेत्रों में तो उनसे भी कहीं कड़े हैं। इसी का नतीजा है कि भारतीय बैंक मजबूत स्थिति में हैं।

कारोबार सुगमता पर काम जारी : जेटली

दावोस : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक विकास की दर ऊंचे स्तर पर ले जाने तथा सुधारों के एजेंडे को जारी रखने को लेकर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि एक मुख्य सुधार जिस पर भारत में अभी काम चल रहा है वह है कारोबार सुगमता। इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक के आखिरी दिन 'ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक' सत्र में जेटली ने यह भी बताया कि राजनीतिक विरोध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर सुधार समेत सुधार प्रक्रिया में बाधा पैदा नहीं कर सकता है। उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक भी पारित हो जाएगा। जीएसटी उन कुछ सुधारों में शामिल है जो अटकेपड़े हैं।

झटकों से बचाव को हिंदुजा की सलाह

दावोस : ग्लोबल झटकों से बचाव के लिए दिग्गज एनआरआइ उद्योगपति जीपी हिंदुजा ने उद्योगों को अपने कारोबार में विविधता लाने की सलाह दी है। सभी सेक्टरों में उनसे ऐसा करने के लिए कहा गया है। चीन और अमेरिका में बिगड़े आर्थिक हालातों से दुनियाभर में फैले संकट को देखते हुए उन्होंने यह बात कही।

भारत की संभावनाओं पर भरोसा

दावोस : उद्योगों और राजनेताओं को भरोसा है कि सतर्कता के साथ आगे बढ़ते हुए भारत ग्लोबल इकोनॉमी के चमकते सितारे के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। इसके लिए उसे सुधार प्रक्रिया को जारी रखने के साथ देश में कारोबार सुगमता का माहौल बनाना होगा।


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