Coronavirus के कारण हर रोज अर्थव्यवस्था को हो सकता है 40,000 करोड़ का नुकसान, 1.5 से 2.5% की बीच रह सकी है Q4 की ग्रोथ: रिपोर्ट
अगर 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन से 80 फीसद उत्पादन रुक जाता है तो अर्थव्यवस्था को हर रोज करीब 35 से 40 हजार करोड़ का नुकसान होगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। अगर 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन से 80 फीसद उत्पादन रुक जाता है, तो अर्थव्यवस्था को हर रोज करीब 35 से 40 हजार करोड़ का नुकसान होगा। इस तरह अर्थव्यवस्था को कुल 6.3 से 7.2 लाख करोड़ का नुकसान हो जाएगा। केयर रेटिंग द्वारा यह आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है। यह गणना वित्त वर्ष 2020 की 140-150 लाख करोड़ की वास्तविक जीडीपी पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल में 300 कार्यकारी दिन मानते हुए प्रतिदिन का आउटपुट 40 से 50 हजार करोड़ रुपये आता है, जो कि इस बंदी के दौरान जा सकता है। इस आधार पर, चौथी तिमाही की ग्रोथ नकारात्मक तो नहीं होगी, लेकिन 1.5 से 2.5 फीसद तक गिर सकती है। इससे पहले चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के 4.7 फीसद के साथ 1.74 लाख करोड़ से ग्रो करने की उम्मीद थी।
रिपोर्ट में कहा गया, 'अनुमान है कि 80 फीसद प्रोडक्शन रुक सकता है और 20 फीसद अर्थव्यवस्था (जिसमें आवश्यक सुविधाएं और कृषि शामिल है।) ही जारी रहेगी। इससे जीडीपी से 35 से 40 हजार करोड़ रुपये हर दिन खो सकते हैं।'
रिपोर्ट में आगे कहा गया, '21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन में 14 दिन वित्त वर्ष 2021 के हैं। इस तरह दोनों वित्त वर्षो में 18 कामकाजी दिन मानते हैं, तो इस दौरान 6.3 से 7.2 लाख करोड़ का कुल नुकसान हो जाएगा।'
इस नुकसान का दो तिहाई अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जाएगा। इसमें वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी को 4.2 से 4.8 लाख करोड़ का नुकसान हो जाएगा। रिपोर्ट ने चेताया है कि इससे अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नकारात्मक ग्रोथ भी देखी जा सकती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इसके संक्रमण की चेन को रोकने के उद्देश्य से देश भर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। यह लॉकडाउन मंगलवार की रात 12 बजे से ही शुरू हो गया है। इस कारण पूरे देश में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ ठप हो गया है। बुधवार तक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या 600 पार कर गई थी।