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Coronavirus Impact: विकास दर को बड़ी चोट लगने के आसार, शोध एजेंसियों की रिपोर्ट सकारात्मक नहीं

Coronavirus Impact मूडीज ने तो चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की विकास दर के अनुमान को 5.4 फीसद से घटाकर 5.3 फीसद भी कर दिया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 09:09 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 09:34 AM (IST)
Coronavirus Impact: विकास दर को बड़ी चोट लगने के आसार, शोध एजेंसियों की रिपोर्ट सकारात्मक नहीं
Coronavirus Impact: विकास दर को बड़ी चोट लगने के आसार, शोध एजेंसियों की रिपोर्ट सकारात्मक नहीं

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना की वजह से भारत की इकोनॉमी पर क्या असर होगा, इसको लेकर अब बड़ी शोध एजेंसियों की रिपोर्ट आने लगी है और वे किसी भी तरह से सकारात्मक नहीं है। मंगलवार को जारी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की शोध रिपोर्ट और मूडीज की रिपोर्ट में बताया गया है इससे भारत की आर्थिक गतिविधियों खास तौर पर ट्रांसपोर्टेशन, पर्यटन, होटल जैसे उद्योगों पर सीधे असर पड़ेगा।

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कई उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित होगी जिससे इनकी कीमतें बेतहाशा बढ़ सकती हैं। मूडीज ने तो चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की विकास दर के अनुमान को 5.4 फीसद से घटाकर 5.3 फीसद भी कर दिया है। शुरुआत में मूडीज ने 6.6 फीसद सालाना विकास दर का अनुमान लगाया था।

उक्त दोनो एजेंसियों की रिपोर्ट तब आई है जब आरबीआइ ने कहा है कि वह भी कोरोना वायरस के संभावित आर्थिक असर पर अध्ययन कर रही है जिसे तीन अप्रैल को जारी किए जाने के आसार हैं।

एसबीआइ की रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि जो हालात पैदा हो रहे हैं उससे एविएशन, होटल, ट्रांसपोर्ट, धातु, ऑटो कंपोनेंट व टेक्साइटल पर सबसे ज्यादा असर पड़ता दिख रहा है और आरबीआइ को इन सेक्टरों के लिए खासतौर पर राहत देने का एलान करना चाहिए। इन सभी सेक्टरों की मांग काफी घट जाएगी जिससे इन्हें कई तरह की संकटों का सामना करना पड़ेगा।

सिर्फ ट्रांसपोर्ट, पर्यटन व होटल उद्योग देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 0.90 फीसद तक प्रभावित कर सकते हैं। यह असर चालू वित्त वर्ष के बाद भी दो और वित्त वर्षो तक दिखेगा। सबसे ज्यादा असर वित्त वर्ष 2020-21 में दिखेगा।

कोरोना वायरस की वजह से 20-30 लाख विदेशी पर्यटक भारत नहीं आ सकेंगे जिससे देश की पांच से सात अरब डॉलर (35,000-49,000 करोड़ रुपये तक) की आमदनी प्रभावित होगी। घरेलू उड़ानों व ट्रेन सेवाओं में यात्रियों की कमी होने से इन दोनो उद्योगों को 3,500 करोड़ रुपये प्रति महीने राजस्व की हानि उठानी पड़ेगी।

चीन से आयात प्रभावित होने की वजह से मेटल, रसायन, टेक्सटाइल व ऑटो कंपोनेंट की कीमतों में पांच-सात फीसद का इजाफा भी होने के आसार है। इस आधार पर एसबीआइ रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी सस्ते कर्ज के साथ ही शुल्कों में रियायत भी उद्योग जगत को चाहिए, तभी मौजूदा मुश्किल का सामना किया जा सकेगा।

इसी तरह मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से कोरोना वायरस का असर बढ़ता जा रहा है उससे ग्लोबल इकोनोमी के लिए संभवत: अभी तक की सबसे बड़ी चुनौती पैदा हो रही है। अब देखना है कि वायरस के प्रभाव से दुनिया कब तक मुक्त हो पाती है। जितना लंबा वायरस का असर ¨खचेगा उतना ही ज्यादा आर्थिक नुकसान होगा। मूडीज ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में भारत की विकास दर 5.3 फीसद ही रहेगी, जो अगले वित्त वर्ष 5.8 फीसद हो सकती है।


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