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Coronavirus Impact Analysis: जानिए भारत पर कोरोना वायरस का प्रभाव, CII ने जारी की सर्वे रिपोर्ट

Coronavirus Impact Analysis प्रमुख उत्पादन केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ जाने से साल 2020 में चीन की जीडीपी (GDP) में 1 से 1.25 फीसद की गिरावट आने का अनुमान है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 01:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:05 AM (IST)
Coronavirus Impact Analysis: जानिए भारत पर कोरोना वायरस का प्रभाव, CII ने जारी की सर्वे रिपोर्ट
Coronavirus Impact Analysis: जानिए भारत पर कोरोना वायरस का प्रभाव, CII ने जारी की सर्वे रिपोर्ट

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते चीन में संचालित भारतीय कंपनियों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन कंपनियों का राजस्व घट रहा है और अनियोजित खर्च बढ़ रहा है। साथ ही जानलेवा वायरस से डरे कर्मचारियों को बनाए रखने की भी एक बड़ी चुनौती है। जो भारतीय कंपनियां चीन से अपना कच्चा माल आयात करती हैं, उनके लिए भी अपनी जरूरतों को पूरा करना कठिन हो रहा है।सोमवार रात तक चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2,666 और संक्रमित लोगों की संख्या 77,780 तक पहुंच चुकी थी।

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दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है चीन 

चीन में 14 फरवरी तक 48 शहर और 4 प्रांत लॉकडाउन मोड में थे। चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा बड़ा आयातक देश है। चीन का दुनिया के कुल निर्यात में 13 फीसद और कुल आयात में 11 फीसद हिस्सा है। लॉकडाउन के चलते चीन में 500 मिलियन लोगों पर असर पड़ा है, जिससे वस्तुओं की खपत बुरी तरह प्रभावित हुई है। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चीन की तेल खपत के 30 फीसद तक गिरने का अनुमान है।

चीन में 130 भारतीय कंपनियों के सामने बड़ी चुनौतियां

कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने 16 फरवरी को 'नोवल कोरोनावायरस इन इंडिया: एन इंपेक्ट एनालिसिस" शीर्षक से एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि चीन में 130 भारतीय कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों को रोकने और उनकी भर्ती करने की है, क्योंकि अधिकतर लोग अपने घर के पास ही काम करना चाहते हैं और ज्यादा दूर तक ट्रैवल करने से डर रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट में बिना नाम लिये बताया गया कि चीन में भारतीय आईटी कंपनियों को बुरी तरह नुकसान हुआ है।

राजस्व व ग्रोथ दोनों पर प्रतिकूल असर

सीआईआई ने रिपोर्ट में कहा, 'चीन में लूनर नववर्ष की छुट्टियों के विस्तार से चीन के बाहर काम करने वाली भारतीय आईटी कंपनियों के राजस्व और ग्रोथ पर प्रतिकूल अरस पड़ा है। आईटी कंपनियां मैनपावर पर काफी हद तक निर्भर होती हैं और लोगों की आवाजाही पर रोक के कारण वे कामकाज नहीं कर पा रही हैं।'

दूर हो रहे आईटी कंपनियों के वैश्विक ग्राहक

सीआईआई ने आगे कहा, 'इसके फलस्वरूप भारतीय आईटी कंपनियां मौजूदा प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा नहीं कर पा रही हैं और नए प्रोटेक्स में भी कमी आ रही है। इससे अब चीन में स्थित भारतीय आईटी कंपनियों के वैश्विक ग्राहक मलेशिया और वियतनाम जैसी जगहों पर नए सर्विस प्रोवाइडर्स के पास जा रहे हैं।'

कई जगहों पर 24 जनवरी से बंद है व्यापार

सर्वे में बताया गया है कि छुट्टियों के विस्तार से उत्पादकता घट गई है, जिसका सीधा असर राजस्व और ग्रोथ पर पड़ा है। चीन में कई जगहों पर व्यापार पिछली 24 जनवरी से बंद है। चीन में ये भारतीय कंपनियां इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज, आईटी एंड बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, केमिकल, एयरलाइन और टूरिज्म जैसे सेक्टर्स से जुड़ी हैं।

कंपनियों का अनुमान है कि पहली और दूसरी तिमाही में उनके राजस्व में 15 से 20 फीसद की गिरावट आ सकती है। यह माना जा रहा है कि व्यापार तीसरी तिमाही से ही सामान्य हो पाएगा।

फिक्स्ड कॉस्ट बनी गले की फांस

सीआईआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'उत्पादन रुक जाने के चलते कंपनियों, विशेषतौर पर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर फिक्स्ड कॉस्ट जैसे- वेतन, ऑफिस रेंट, ब्याज, वैधानिक ओवरहेड्स आदि का भार पड़ रहा है। फरवरी और मार्च महीने में राजस्व में नुकसान से नकदी की कमी हो जाने की भी संभावना है, क्योंकि बिना किसी बिक्री के फिक्स्ड कॉस्ट लगातार बनी रहेगी।'

चीन से कच्चा माल मंगाने वाली भारतीय कंपनियों को मुश्किल

कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर अपनी रिपोर्ट में सीआईआई ने आगे कहा, 'वे भारतीय कंपनियां जो चीन से उत्पाद मंगाती हैं या भारत से चीन सामान निर्यात करती हैं, उनके सामने अपने दायित्व पूरा नहीं कर पाने का खतरा है।'

भारत आयात के मामले में चीन पर काफी हद तक निर्भर है। भारत के कुल इलेक्ट्रॉनिक आयात का 45 फीसद हिस्सा चीन से आता है। मशीनरी का एक तिहाई और ऑर्गेनिक केमिकल्स का करीब 2/5 हिस्सा चीन से आयात होता है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल पार्ट्स और ऊर्वरक जैसे दूसरे उत्पादों का 25 फीसद से ज्यादा आयात चीन से ही होता है। साथ ही यहां बता दें कि भारत की 65-70 फीसद एक्टिव दवा सामग्री और करीब 90 फीसद मोबाइल फोन पार्ट्स का स्रोत चीन ही है।

वहीं, निर्यात की बात करें, तो इस मामले में पांच फीसद हिस्से के साथ चीन भारत का तीसरा बड़ा साझेदार है। कोरोना वायरस के चलते ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक्स, फिश प्रोडक्ट्स, कॉटन और अयस्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर असर पड़ा है।

0.5 फीसद तक धीमी पड़ सकती है वैश्विक जीडीपी

साथ ही सर्वे रिपोर्ट में यह बात जोर देकर कही गई है कि प्रमुख उत्पादन केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ जाने से साल 2020 में चीन की जीडीपी (GDP) में 1 से 1.25 फीसद की गिरावट का अनुमान है। इसका असर ग्लोबल जीडीपी पर भी पड़ना तय है। सीआईआई के अनुसार, वैश्विक जीडीपी में 0.5 फीसद की गिरावट देखी जा सकती है।


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