Coronavirus Impact: सरकार द्वारा Tax में दी गई राहत से GDP को हो सकता है 2 से 3 फीसद का नुकसान
आयकर और जीएसटी के में देरी से जमा होने वाले पेमेंट के लिए भी ब्याज दर को घटाकर 9 फीसद कर दिया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए देश भर में किये गए संपूर्ण लॉकडाउन से होने वाले औद्योगिक और व्यापारिक नुकसान को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने हाल ही में कई घोषणाएं की हैं। टैक्स मामलों से जुड़े एक्सपर्ट्स ने सरकार के इन कदमों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इन कदमों में जीडीपी का 2 से 3 फीसद खर्च हो जाएगा, लेकिन इससे लिक्विडिटी की समस्या को सुलझाने और पेमेंट संबंधी बाध्यताओं में मदद मिलेगी।
सरकार ने मंगलवार को टैक्स को लेकर काफी राहत भरी घोषणाएं की थीं। साथ ही पब्लिक और कॉरपोरेट सेक्टर के लिए बकाया चुकाने की समयसीमा में इजाफा करने और पेनल्टी के बोझ को कम करने जैसे कदम उठाए थे। सरकार द्वारा की गई इन प्रमुख घोषणाओं में टैक्स फाइलिंग और रिटर्न जमा कराने कराने की समयसीमा को आगे बढ़ाना शामिल था। सरकार ने 20 मार्च 2020 और 29 जून 2020 के बीच के सभी टैक्स को जमा कराने की समयसीमा को 30 जून 2020 तक आगे बढ़ाया है।
सरकार द्वारा यह राहत आयकर और जीएसटी सहित सभी रिटर्न फाइलिंग्स, रिप्लाइज/अपील फाइलिंग और अन्य अनुपालन संबंधी दस्तावेजों के लिए दी गई है। आयकर और जीएसटी के में देरी से जमा होने वाले पेमेंट के लिए भी ब्याज दर को घटाकर 9 फीसद कर दिया गया है।
सरकार के इन राहत भरे कदमों के बारे में टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनसे व्यापार और इंडिविजुअल्स पर अनुपालन का दबाव कम होगा और कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए बुरी स्थिति से गुजर रहे सेक्टर्स को जरूरी राहत प्रदान होगी। वहीं, कई विश्लेषकों का कहना है कि लॉकडाउन से जीडीपी को करीब 9 लाख करोड़ का नुकसान होगा।