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लगातार चौथे महीने जून में आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में आया संकुचन, उर्वरक में हुई ग्रोथ

मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 24.6 फीसद की गिरावट आई है। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 06:28 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:29 PM (IST)
लगातार चौथे महीने जून में आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में आया संकुचन, उर्वरक में हुई ग्रोथ
लगातार चौथे महीने जून में आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में आया संकुचन, उर्वरक में हुई ग्रोथ

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के आठ प्रमुख सेक्टर्स के उत्पादन में लगातार चौथे महीने संकुचन देखने को मिला है। आठ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योगों के उत्पादन में जून महीने में 15 फीसद का संकुचन आया है। कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, स्टील, सीमेंट और विद्युत के उत्पादन में गिरावट के चलते इन उद्योगों में संकुचन देखने को मिला है। जून 2019 में आठ कोर सेक्टर्स में 1.2 फीसद का विस्तार हुआ था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। 

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आठ सेक्टर्स में उर्वरक, कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक  गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, स्टील, सीमेंट और विद्युत शामिल हैं। कोयला, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, स्टील, सीमेंट और विद्युत के उत्पादन में क्रमश: 15.5 फीसद, 6 फीसद, 12 फीसद, 8.9 फीसद, 33.8 फीसद, 6.9 फीसद और 11 फीसद का संकुचन आया है। इनमें मई महीने में भी नकारात्मक ग्रोथ दर्ज की गई थी।

उर्वरक क्षेत्र के उत्पादन में जून महीने में 4.2 फीसद की ग्रोथ हुई है, लेकिन यह मई की 7.5 फीसद की ग्रोथ की तुलना में कम है।

 मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 24.6 फीसद का संकुचन आया है। वहीं, एक साल पहले की समान अवधि में 3.4 फीसद की सकारात्मक ग्रोथ देखने को मिली थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ उद्योगों की 40.27 फीसद भागिदारी है। मई महीने में इन सेक्टर्स के उत्पादन में 22 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया था।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष में 4.5 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है, जबकि गोल्डमैन का अनुमान है कि जून तिमाही जीडीपी में 45 फीसद की गिरावट के साथ सबसे बुरी तिमाही होगी, क्योंकि कड़े लॉकडाउन नियमों के चलते कम से कम दो महीनों तक कारोबारी गतिविधियां बाधित रही हैं।


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