CPI अक्टूबर में 5 फीसद, औद्योगिक उत्पादन 3.6 फीसद
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 5 फीसद रही, जबकि सितम्बर में यह 4.41 फीसद पर थी। वहीं, सामान्य सूचकांक सितम्बर 2015 में 178.0 रहा जो कि सितम्बर 2014 से 3.6 फीसद अधिक है। वित्त वर्ष 2015-16 की संचयी बढ़त की दर पिछले साल के मुकाबले 4 फीसद अधिक रही। सितम्बर
नई दिल्ली। दालों व अन्य खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में बढ़कर पांच प्रतिशत हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि सितम्बर में यह 4.41 फीसद पर थी। वहीं, सामान्य सूचकांक सितम्बर 2015 में 178.0 रहा जो कि सितम्बर 2014 से 3.6 फीसद अधिक है।
आज जारी सरकारी आंकडों के अनुसार आलोच्य महीने में कुल उपभोक्ता खाद्य मुद्रास्फीति बढकर 5.25 प्रतिशत हो गई। दाल एवं उत्पादों की श्रेणी में खुदरा मुद्रास्फीति में अक्तूबर माह में भारी वृद्धि के साथ 42.20 प्रतिशत पर पहुंच गई। खाद्य व बे्रवेरेज श्रेणी में कीमत में बढोतरी अक्तूबर में 5.34 प्रतिशत रही वहीं मोटे अनाज व इसके उत्पादों की मुद्रास्फीति भी 1.46 प्रतिशत रही।
अक्तूबर में सब्जियों व फलों की खुदरा मुद्रास्फीति क्रमश: 2.42 प्रतिशत व 1.98 प्रतिशत रही। वहीं प्रोटीन से भरपूर अन्य उत्पादों जैसे कि मांस व मछली आदि की कीमत में वृद्धि घटकर 5.01 प्रतिशत रही। इसी तरह दूध व दूध उत्पादों की खुदरा कीमत में वृद्धि 4.79 प्रतिशत रही। आलोच्य महीने में अंडे 0.59 प्रतिशत सस्ते हुए।
सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकडों के अनुसार चीनी व कन्फेक्शनरी श्रेणी की मुद्रास्फीति शून्य से 10.47 प्रतिशत नीचे रही। मसाला श्रेणी में मूल्य वृद्धि 9.82 प्रतिशत जबकि ‘नॉन एल्कोहलिक' पेय पदाथोंर् की श्रेणी में मूल्य वृद्धि 4.31 प्रतिशत रही। ग्रामीण इलाकों में खुदरा मुद्रास्फीति 5.54 प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्र में बढकर 4.28 प्रतिशत हो गई।
वित्त वर्ष 2015-16 की संचयी बढ़त दर पिछले साल के मुकाबले 4 फीसद अधिक रही। सितम्बर महीने में औद्योगिक उत्पादन 3.6 फीसद रही जो कि पिछले साल 2.6 फीसद पर थी।