Move to Jagran APP

फरवरी में बढ़ी महंगाई - घटा औद्योगिक उत्पादन, 2.57 फीसद रही CPI

इससे पहले आए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में खुदरा महंगाई दर 2.05 फीसद थी। दिसंबर में सीपीआई 2.11 फीसद थी।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 08:34 AM (IST)
फरवरी में बढ़ी महंगाई - घटा औद्योगिक उत्पादन, 2.57 फीसद रही CPI
फरवरी में बढ़ी महंगाई - घटा औद्योगिक उत्पादन, 2.57 फीसद रही CPI

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फरवरी में खुदरा महंगाई में इजाफा हुआ है, वहीं औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार को भारी झटका लगा है। मंगलवार शाम सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी महीने में खुदरा महंगाई (CPI) दर बढ़कर 2.57 फीसद हो गई, जबकि औद्योगिक उत्पादन घटकर 1.7 फीसद हो गया।

loksabha election banner

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 1.7 फीसद रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 7.5 फीसद था।

2018-19 में अप्रैल से जनवरी के बीच औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ रेट 4.4 फीसद रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4.1 फीसद रही थी।

वहीं, जनवरी की महंगाई दर संशोधन के बाद घटकर अब 1.97 फीसद हो गई है। इससे पहले आए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में खुदरा महंगाई दर 2.05 फीसद थी। दिसंबर में सीपीआई 2.11 फीसद थी।

रॉयटर्स के पोल में विश्लेषकों ने फरवरी महीने में महंगाई के बढ़ने का अनुमान लगाया था। पोल में कहा गया था कि फरवरी महीने में महंगाई में मामूली इजाफा होगा, लेकिन यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के तय किए गए लक्ष्य से नीचे ही रहेगी। 

आरबीआई ने महंगाई के लिए 4 फीसद (+- दो फीसद) का लक्ष्य रखा है। ब्याज दरों को तय करने वक्त आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।

गौरतलब है कि पिछली समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी, जिसके बाद रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने अगली बैठक में भी ब्याज दरों में कटौती किए जाने का अनुमान लगाया था। पोल में शामिल अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना था कि आम चुनाव से पहले होने वाली आरबीआई की बैठक में ब्याज दरों में फिर से कटौती की जा सकती है।

25 आधार अंकों की कटौती के बाद मौजूदा रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसद के स्तर पर बना हुआ है।

दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के बाद सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को 7.2 फीसद से घटाकर 7 फीसद कर दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि अगली समीक्षा बैठक में आरबीआई का पूरा फोकस महंगाई की बजाए ग्रोथ पर होगा।  

भारत ने यह अनुमान वैसे समय में घटाया है, जब लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट आई है। हालांकि, इस कटौती के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

यह भी पढ़ें:  कारोबारी कम, सियासी संकेतों के दम पर बाजार में जबरदस्त तेजी, दो दिनों में सेंसेक्स 850 अंक उछला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.