Move to Jagran APP

इंश्योरेंस और हाउसिंग क्षेत्र से हलकान हैं उपभोक्ता

जिला फोरम से लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) तक इंश्योरेंस और हाउसिंग क्षेत्र क्षेत्रों की शिकायतें ज्यादा है

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 04 Apr 2017 10:03 AM (IST)Updated: Tue, 04 Apr 2017 10:10 AM (IST)
इंश्योरेंस और हाउसिंग क्षेत्र से हलकान हैं उपभोक्ता
इंश्योरेंस और हाउसिंग क्षेत्र से हलकान हैं उपभोक्ता

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। उपभोक्ता खानपान समेत रोजमर्रा की चीजों की शिकायत के बजाय इंश्योरेंस व हाउसिंग क्षेत्र से ज्यादा हलकान हैं। जिला फोरम से लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) तक इन क्षेत्रों की शिकायतों की भरमार है। मिलावटी व नकली उत्पादों की शिकायतें कम हैं। इसके मुकाबले बैंकिंग, बिजली व टेलीकॉम की शिकायतें ज्यादा हैं। कुल पौने दो लाख शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं। इनमें मात्र 48 हजार शिकायतों का निपटारा हो सका है।

loksabha election banner

जोखिम से बचाव के लिए जिस बीमा को उपभोक्ता के लिए पहरुआ माना जाता है, उसमें सबसे ज्यादा खामियां मिल रही हैं। मौका पड़ने पर बीमा कंपनियां राहत देने की जगह बचने का रास्ता तलाश लेती हैं। इसे लेकर जिला फोरम, राज्य आयोग और एनसीडीआरसी में शिकायतों का अंबार है। इन उपभोक्ता अदालतों में की शिकायतों में 21 फीसद से अधिक बीमा कंपनियों के खिलाफ हैं। इन अदालतों में हुए मात्र 17 फीसद के निपटारे किये जा सके हैं। बैंकिंग क्षेत्र की शिकायतें भी उपभोक्ताओं को बहुत अधिक परेशान कर रही हैं। उपभोक्ता अदालतों में इनकी संख्या लगभग 15 हजार है, जबकि बिजली का झटका भी उपभोक्ताओं बहुत अधिक सता रहा है। इससे जुड़ी 13 हजार शिकायतें लंबित हैं।

हाउसिंग क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं की शिकायतें अदालतों में बड़ी संख्या में दर्ज हैं। इन शिकायतों का निपटारा भी बहुत कम हुआ है। सर्विस सेक्टर की कमियों की शिकायतें तीन हजार के आसपास है। जबकि घटिया उत्पादों की शिकायतें साढ़े तीन हजार मिली हैं। खानपान को लेकर मात्र 388 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। घर के सामान की खरीद में गड़बड़ी पर आठ सौ शिकायतें की गई हैं। अनुचित व्यापार को लेकर तो मात्र पांच सौ मामले दर्ज कराये गये। उपभोक्ता अदालतों में दर्ज कराई शिकायतों के आंकड़े और भी कहानी कह रहे हैं। उपभोक्ताओं की आम शिकायतें जुबानी तो सुनी जाती हैं, लेकिन उपभोक्ता अदालतों तक नहीं पहुंच पाती हैं।’


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.