शेयर समीक्षा: तिमाही नतीजों पर रहेगी निवेशकों की निगाह
इस हफ्ते कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने हैं। बीते हफ्ते सेंसेक्स में 219 अंक की बढ़त दर्ज की गई थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रमुख एशियाई बाजारों में दिख रही तेजी का असर भारतीय बाजार पर भी दिखाई दे सकता है। इस हफ्ते निवेशकों की निगाह कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी। इनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा और पीएनबी जैसी ब्लूचिप कंपनियां शामिल हैं। बीते हफ्ते बीएसई के सेंसेक्स में 219.31 अंक की बढ़त दर्ज की गई थी।
एशियाई बाजारों का हाल?
आज सभी प्रमुख एशियाई बाजार तेजी के साथ खुले हैं। सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर जापान का निक्केई 0.45 फीसद की तेजी के साथ 22626 पर, चीन का शांघाई 2751 पर, हैंगसेंग 1.37 फीसद की तेजी के साथ 28056 पर और ताइवान का कॉस्पी 0.44 फीसद की तेजी के साथ 2297 पर कारोबार करता देखा गया।
वहीं अगर अमेरिकी बाजारों की बात करें तो वो भी बीते दिन बढ़त के साथ बंद हुए हैं। डाओ जोंस 0.54 फीसद की बढ़त के साथ 25462 पर, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 0.46 फीसद की तेजी के साथ 2840 पर और नैस्डैक 0.12 फीसद की तेजी के साथ 7812 पर कारोबार कर बंद हुआ।
एक्सपर्ट का नजरिया:
जियोजित फाइनेंशिल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनाद नायर ने कहा, ‘महंगाई और विकास के बीच संतुलन बनाते हुए रिजर्व बैंक की हल्की सख्ती अच्छा कदम है। वहीं आपूर्ति बढ़ने के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के अनुमान और बेहतर तिमाही नतीजों से बाजार में सकारात्मक दौर बने रहने की उम्मीद है।’ हेम सिक्योरिटीज के डायरेक्टर गौरव जैन ने कहा कि तिमाही नतीजों के चलते इस हफ्ते भी कुछ विशेष स्टॉक आधारित गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इस हफ्ते अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, कोल इंडिया लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पीएनबी, बीपीसीएल, सिप्ला, ल्यूपिन, गेल, हिंडाल्को और एनएचपीसी के तिमाही नतीजे आने हैं।
बाजार की दिशा तय करने में मानसून की भी भूमिका रहेगी। मौसम विभाग ने अगस्त और सितंबर में मानसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है। एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, ‘ट्रेड वार की आशंका फिर गहराने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के संकेतों से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। इससे प्रमुख एशियाई बाजारों पर भी असर पड़ा है।’
एफपीआइ ने किया 2,300 करोड़ का निवेश:
जुलाई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने भारतीय पूंजी बाजार में कुल 2,312 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें से 2,264 करोड़ रुपये इक्विटी मार्केट में और 48 करोड़ रुपये डेट मार्केट में निवेश हुआ। इससे पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून) के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से 61,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की थी। मार्च में एफपीआइ ने 2,662 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का एम-कैप बढ़ा: बीते हफ्ते शीर्ष 10 कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 77,784.85 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। इस दौरान सबसे ज्यादा फायदे में रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 30,010.92 करोड़ रुपये बढ़कर 7,45,782.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हिंदुस्तान यूनीलिवर का एम-कैप 22,057.61 करोड़ रुपये बढ़कर 3,80,856.49 करोड़ रुपये रहा। टीसीएस, भारतीय स्टेट बैंक और आइटीसी के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई। समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई।