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कोरोना काल में विनिवेश पर सोचने को मजबूर कंपनियां, कारोबार की वित्तीय जरूरतों के लिए फंड की कमी का कर रहीं सामना

दूसरी लहर के कारण चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में दोहरे अंकों में बढ़त की उम्मीद नहीं लग रही है जैसा पहले अनुमान लगाया जा रहा था। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसद कंपनियों ने बताया कि वे अगले दो साल में कुछ परिसंपत्तियों को बेचने पर विचार कर रही हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 09:09 AM (IST)
कोरोना काल में विनिवेश पर सोचने को मजबूर कंपनियां, कारोबार की वित्तीय जरूरतों के लिए फंड की कमी का कर रहीं सामना
Disinvestment ( P C : Pexels )

मुंबई, प्रेट्र। कोरोना महामारी के कारण कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर व्यापक दुष्प्रभाव पड़ा है। कई कंपनियों के सामने अपने नॉन-कोर एसेट्स में विनिवेश की स्थिति भी आ गई है। कंसल्टेंसी फर्म ईवाई के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। वार्षिक सर्वे में ईवाई ने बताया कि वित्तीय संकट के कारण तीन चौथाई कंपनियां अपने नॉन-कोर एसेट बेचने के बारे में सोचने पर मजबूर हुई हैं। महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद की गिरावट आई है।

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दूसरी लहर के कारण चालू वित्त वर्ष में भी अर्थव्यवस्था में दोहरे अंकों में बढ़त की उम्मीद नहीं लग रही है, जैसा पहले अनुमान लगाया जा रहा था। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसद कंपनियों ने बताया कि वे अगले दो साल में कुछ परिसंपत्तियों को बेचने पर विचार कर रही हैं, क्योंकि कारोबारी जरूरतों के लिए उनके पास पूंजी का संकट पैदा हो गया है। समय पर इस विनिवेश से कंपनियों को जरूरी फंड मिल सकेगा, जिससे उन्हें कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

ईवाई पार्टनर नवीन तिवारी ने कहा कि संपत्ति बिक्री से इस संकट काल में कंपनियों को आधार मिलेगा और वे अपने कोर बिजनेस पर फोकस कर सकेंगी। इस समय इन एसेट्स को बेचने के लिए सही समय का चुनाव भी कंपनियों के प्रमुखों के समक्ष बड़ी चुनौती है।

ईवाई ने कहा कि सफल विनिवेश के लिए जरूरी है कि इस प्रक्रिया को एक बार किया गया फैसला नहीं, बल्कि कॉरपोरेट रणनीति के तौर पर देखा जाए। हर कारोबार की रणनीतिक जरूरत को समझकर यह रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।


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