COVID Insurance देने में कतरा रहीं कंपनियां, जानिए Corona Kavach और Corona Rakshak से कंपनियों के परहेज की वजह
इरडा ने सभी कंपनियों से कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर को देखते हुए लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता है और इस समय बीमा कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को इस तरह के कवरेज से इनकार करना सही नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना की दूसरी लहर में बीमा कंपनियां कोरोना कवच और कोरोना रक्षक जैसी पॉलिसी देने से कतरा रही हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि कोरोना से जुड़ी पॉलिसी के दावे पिछले कुछ समय के दौरान बहुत बढ़े हैं। बीमा नियामक इरडा को भी इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कंपनियां कोरोना से जुड़ी पॉलिसी देने में आनाकानी कर रही हैं। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी बीमा कंपनियों को कोरोना कवच और कोरोना रक्षक दोनों पॉलिसी के नवीनीकरण और उन्हें नए रूप में जारी करने का निर्देश दिया है।
इरडा के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल में कोरोना पीड़ितों की तरफ से स्वास्थ्य बीमा के 1.3 लाख दावे किए गए। पिछले वित्त वर्ष में कोरोना पीड़ितों की तरफ से स्वास्थ्य बीमा के 9.77 दावे किए गए थे।
स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनियों के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस वर्ष 30 अप्रैल तक कंपनियों ने कोरोना कवच और कोरना रक्षक की नई पॉलिसी बेची हैं। लेकिन अब कोई भी कंपनी यह पॉलिसी नहीं दे रही है। कंपनियां इन पॉलिसी का नवीनीकरण भी नहीं कर रही हैं।
पिछले सप्ताह इरडा ने सभी कंपनियों को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर को देखते हुए लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता है और इस समय बीमा कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को इस तरह के कवरेज से इनकार करना सही नहीं है। इरडा ने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में इन पॉलिसी को के नवीनीकरण के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
पिछले वर्ष जून में इरडा ने स्वास्थ्य बीमा उत्पाद बेचने वाली सभी कंपनियों को कोरोना कवच उत्पाद बेचना अनिवार्य कर दिया था। कंपनियों के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा में कोरोना का कवर शामिल हैं, इसलिए कंपनियां अलग से कोरोना कवच देने से मना कर रही हैं। कोरोना कवच और कोरोना रक्षक सिर्फ कोरोना बीमारी को कवर करते है। कोरोना कवच के तहत ग्राहक 50,000 से लेकर पांच लाख रुपये तक का बीमा ले सकता है और उसे 300 रुपये से लेकर 8,000 रुपये प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। कोरोना रक्षक के तहत अधिकतम करवेज 2.5 लाख रुपये है।