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वाणिज्य मंत्रालय ने की चीन से आयातित केमिकल पर एंटी-डंपिंग शुल्क को जारी रखने की सिफारिश

महानिदेशालय ने 96.05 डॉलर प्रति टन और 152.78 डॉलर प्रति टन के दो शुल्कों की सिफारिश की है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 03:13 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 06:46 AM (IST)
वाणिज्य मंत्रालय ने की चीन से आयातित केमिकल पर एंटी-डंपिंग शुल्क को जारी रखने की सिफारिश
वाणिज्य मंत्रालय ने की चीन से आयातित केमिकल पर एंटी-डंपिंग शुल्क को जारी रखने की सिफारिश

नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य मंत्रालय ने खाद्य और फार्मा इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले एक चीनी केमिकल पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को जारी रखने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने सस्ते आयात से घरेलू उद्यमियों को बचाने के लिए यह सिफारिश की है। एक नोटिफिकेशन में मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने कहा कि सोडियम साइट्रेट केमिकल की डंपिंग के सबूत मिले हैं और अगर मौजूदा एंटी-डंपिंग ड्यूटी को खत्म किया जाता है, तो घरेलू इंडस्ट्री को नुकसान होगा।

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डीजीटीआर ने कहा कि वह इस रसायन पर एंटी-डंपिंग शुल्क को जारी रखना उचित समझता है। महानिदेशालय ने 96.05 डॉलर प्रति टन और 152.78 डॉलर प्रति टन के दो शुल्कों का सुझाव दिया है। वित्त मंत्रालय इन शुल्कों को लागू करने का अंतिम फैसला लेगा।

अपनी जांच में महानिदेशालय ने यह निष्कर्ष निकाला कि प्रोडक्ट की चीन से लगातार डंपिंग हो रही है। और ड्यूटी के समाप्त होने की स्थिति में इसके डंप कीमतों में भारतीय बाजार में आने की संभावना है। गौरतलब है कि राजस्व विभाग ने साल 2015 में पांच सालों के लिए इस उत्पाद पर ड्यूटी लगाई थी। यह अब इस साल 19 मई को समाप्त हो रही है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मामले में, डंपिंग तब होती है, जब कोई देश या कंपनी अपने घरेलू बाजार से कम कीमत पर सामान को निर्यात करती है। डंपिंग से आयात करने वाले देश में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ता है। वैश्विक व्यपाार नियमों के अनुसार, किसी देश को अपने घरेलू निर्माताओं को एक स्तर तक व्यापार का क्षेत्र प्रदान करने के लिए ऐसे डंप किये गए उत्पादों पर टैरिफ लगाने की अनुमति है। भारत में डीजीटीआर की जैसे अर्ध-न्यायिक निकाय द्वारा गहन जांच के बाद ही ड्यूटी लगाई जाती है।


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