कोटक बैंक में प्रमोटर हिस्सेदारी घटाने की मियाद आज खत्म
कोटक महिंद्रा बैंक को प्रमोटर की हिस्सेदारी घटाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा दी गई मियाद सोमवार को खत्म हो रही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क) कोटक महिंद्रा बैंक को प्रमोटर की हिस्सेदारी घटाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा दी गई मियाद सोमवार को खत्म हो रही है। इस बीच देश के निजी बैंकों के लिए रिजर्व बैंक के स्वामित्व संबंधी नियमों की समीक्षा किए जाने की मांग उठ रही है। थिंक टैंक सेंटर फॉर इकनॉमिक पॉलिसी रिसर्च (सीईपीआर) ने रिपोर्ट में कहा कि भारतीय निजी बैंकों के लिए नियमों की समीक्षा किए जाने और गवर्नेस व स्वामित्व मॉडल पर फिर से विचार किए जाने का समय आ गया है।
हाल में स्वदेशी जागरण मंच ने भी कहा था कि निजी बैंकों के स्वामित्व संबंधी नियमों के ढांचे पर फिर से विचार किए जाने की अविलंब जरूरत है, ताकि भारतीय निजी बैंक भारतीय के ही हाथ में रहे। हम में से कोई भी नहीं चाहता कि भारत में विकसित हुआ बैंक किसी विदेशी हाथ में चला जाए। सीईपीआर ने कहा कि लक्ष्य ऐसे नियम बनाने का होना चाहिए, जिससे कि जेपी मोर्गन, मेरिल लिंच, गोल्डमैन सैक्श और सैंटेंडर जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैंकों का निर्माण भारत में ही हो। इन बैंकों की स्थापना किसी परिवार या कुछ व्यक्तियों ने की थी, जिन्होंने अपनी सफलता और विकास के स्वाभाविक क्रम में अपनी हिस्सेदारी घटाई और समय के साथ अपना विस्तार किया। ऐसे ही माहौल में एचडीएफसी बैंक और कोटक म¨हद्रा बैंक अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सकता है।
कॉरपोरेट लॉ फर्म कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स के संस्थापक पवन कुमार विजय ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की जरूरत है। कहा कि यह समीक्षा खास तौर से प्रमाोटर की अधिकतम हिस्सेदारी की सीमा को लेकर होनी चाहिए। इस सीमा को 15 फीसद से बढ़ाकर कम से कम 26 फीसद किए जाने की जरूरत है।