CII सर्वे का दावा, पिछले चार सालों के दौरान MSME सेक्टर में 14% बढ़ी नौकरियां
उद्योग संगठन सीआईआई का यह सर्वे आधिकारिक और अन्य आंकड़ों से उलट है जिसमें यह दावा किया गया है कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने की वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हो गईं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। पिछले चार सालों के दौरान मझोले और लघु उद्योग (MSME) में रोजगार के ज्यादा मौके पैदा हुए हैं। सीआईआई के सर्वे के मुताबिक विगत चार सालों में एमएसएमई में 13.9 फीसद ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए।
उद्योग संगठन सीआईआई का यह सर्वे आधिकारिक और अन्य आंकड़ों से उलट है, जिसमें यह दावा किया गया है कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने की वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हो गईं।
निजी सेक्टर में काम करने वाले एक थिंक टैंक का आंकड़ा बताता है कि केवल 2018 में 1.3 करोड़ लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। वहीं एनएसएसओ का आधिकारिक आंकड़ा बताता है कि 2018 में बेरोजगारी दर अपने ऊच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले 46 सालों में सबसे अधिक है।
सीआईआई के सर्वे के मुताबिक एक लाख से अधिक एमएसएमई में 13.9 फीसद ज्यादा रोजगार के मौके पैदा हुए। आंकड़ों में देखा जाए तो करीब 3,32,394 नई नौकरियां मिलीं, जो रोजगार सृजन के लिहाज से सालाना 3.3 फीसद का इजाफा दर्शाता है। सर्वे में 1,05,347 एमएसएमई ने भाग लिया। सर्वे बताता है कि पिछले चार सालों के दौरान छोटे उद्योग धंधों ने सबसे ज्यादा रोजगार के मौके पैदा किए और अगले तीन सालों में भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।
सबसे ज्यादा नौकरियां सेवा सत्कार और पर्यटन के क्षेत्र में मिलीं। इसके बाद कपड़ा उद्योग और मेटल प्रॉडक्ट्स के क्षेत्र में नौकरियां सृजित हुईं। राज्यवार अगर बात की जाए तो महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना में सबसे अधिक रोजगार के अवसर बने। वहीं निर्यात के मामले में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना शीर्ष पर रहे।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'अगले तीन सालों के दौरान रोजगार के मौकों में इजाफा होने की उम्मीद है।' इसमें कहा गया है कि एमएसएमई पर ब्याज में दो फीसद छूट और ट्रेड रिसविवेबल्स ई-डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) की वजह से ग्रोथ में इजाफा होगा और रोजगार के अधिक मौके पैदा होंगे।
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