लॉकडाउन खोलने का रोडमैप हुआ तैयार: CII ने कहा; सरकार, प्रशासन और उद्योगों के बीच सामंजस्य से बनेगी बात
CII ने सरकार को लॉकडाउन से औद्योगिक सेक्टर को उबारने का एक रोडमैप दिया है। इसमें कड़े स्वास्थ्य मानकों का पालन करते हुए तीन चरणों में सारे उद्योगों को खोलने का आग्रह किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस की वजह से जिस तरह से देश लॉकडाउन की स्थिति में है, उसकी आर्थिक लागत को लेकर चिंता अब गहराने लगी है। ऐसे में उद्योग जगत के संगठन सीआइआइ ने सरकार को लॉकडाउन से औद्योगिक सेक्टर को उबारने का एक रोडमैप दिया है। इसमें कड़े स्वास्थ्य मानकों का पालन करते हुए तीन चरणों में सारे उद्योगों को खोलने का आग्रह किया गया है।
सीआइआइ ने कहा है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालात में भी औद्योगिक गतिविधियों को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन व उद्योग जगत के बीच सामंजस्य बना कर शुरू किया जा सकता है। सीआइआइ ने सारे उद्योग जगत को तीन सेक्टर में बांटा है और इन्हें प्राथमिकता के तौर पर खोलने का सुझाव दिया है ताकि आर्थिक मंदी बहुत गहराने से पहले कल-कारखानों को शुरू किया व बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार दिया जा सके।
उद्योगों के साथ ही समूचे देश को भी सीआइआइ ने तीन सेक्टर में बांटा है। इसे कोविड-19 के प्रसार के आधार पर रेड, एंबर (पीला) व ग्रीन क्षेत्र में बांटते हुए इनमें स्थित उद्योगों को अलग-अलग तरीके से खोलने का सुझाव दिया गया है।
रेड सेक्टर में वैसे उद्योगों को खोला जा सकता है जिनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं हो। इसमें कहा गया है कि ग्रीन क्षेत्र (कोविड-19 से मुक्त) में स्थित उद्योगों को खोलना ज्यादा आसान है लेकिन यह रणनीति बनानी होगा कि इन क्षेत्रों के सभी उद्योगों को खोलना है या नहीं।
एंबर सेक्टर में किन उद्योगों को खोला जा सकता है इसका फैसला अलग से किया जा सकता है। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन सभी सेक्टर में उद्योगों को बेहद सख्त नियमों का पालन करना पड़े। जो उद्योग इसका पालन नहीं करेगा उस पर सख्त जुर्माना लगाने का प्रावधान भी होना चाहिए। जो उद्योग खोले जाएंगे उन्हें अलग से कर्ज व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी।
बैंकों की तरफ से अतिरिक्त वर्किग कैपिटल देने की व्यवस्था पहले ही करनी होगी। साथ ही कई उद्योगों के समक्ष कामगारों की भी जरुरत होगी जिसे उपलब्ध कराने में राज्य सरकारों को मदद करनी होगी। कार्यस्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा, कच्चे माल की आपूर्ति व तैयार माल को निश्चित जगत पर पहुंचाने जैसे काम भी करने होंगे। इसके लिए भी राज्यों के बीच बेहतरीन नेटवर्क की जरूरत होगी। लॉकडाउन की वजह से गांव लौट चुके श्रमिकों को सुरक्षित कार्यस्थल पर पहुंचाने की रणनीति बनानी होगी।