चीन का भारत को निर्यात 2020 के 11 महीनों में 13 प्रतिशत घटा, भारत का चीन को निर्यात 16 प्रतिशत बढ़ा
भारत का व्यापार घाटा आलोच्य अवधि में 40 अरब डॉलर रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 60 अरब डॉलर था। सीमा विवाद के बीच भारत ने देश की एकता और अखंडता को खतरा का हवाला देते हुए 200 से अधिक चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चीन का भारत को निर्यात इस साल के पहले 11 महीने में 13 प्रतिशत घटा है। चीन के सीमा शुल्क विभाग के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार वहीं भारत का चीन को निर्यात इसी दौरान 16 प्रतिशत बढ़ा। दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020 के पहले 11 महीनों में 78 अरब डॉलर पर पहुंच गया। दोनों देशों का व्यापार 2019 में 92.68 अरब डॉलर रहा था।
सीमा शुल्क के आंकड़े के अनुसार चीन ने इस साल जनवरी से नवंबर के दौरान करीब 59 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया। यह पिछले साल 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 13 प्रतिशत कम है। वहीं भारत से चीन का आयात पहले 11 महीनों में करीब 19 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है। भारत का व्यापार घाटा आलोच्य अवधि में 40 अरब डॉलर रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 60 अरब डॉलर था। सीमा विवाद के बीच भारत ने देश की एकता और अखंडता को खतरा का हवाला देते हुए 200 से अधिक चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी है।
भारत और चीन के बीच इस साल मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध कायम है। इसके हल के लिए दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
सरकार की ओर से किए गए आर्थिक सुधार और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का असर विदेशी निवेशकों पर दिखने लगा है। वैश्विक निवेशक भारत को निवेश के लिए उम्दा जगह मान रहे हैं। 34 फीसद विदेशी निवेशक भारत को निवेश के लिए टॉप 3 स्थानों में से एक मानते हैं।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के मामले में विश्व स्तर पर भारत को लेकर जो माहौल बन रहा है, उसके मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत में सालाना एफडीआइ का स्तर 120-160 अरब डॉलर तक हो जाएगा, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3-4 फीसद है। यह खुलासा औद्योगिक संगठन सीआइआइ और ईवाई की एफडीआइ पर जारी सर्वे रिपोर्ट में किया गया है।