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टेलीकॉम क्षेत्र में चीन के उपकरणों पर लग सकता है प्रतिबंध, 'मेक इन इंडिया' पर है पूरा जोर

BSNL के 4G विस्तार से जुड़े टेंडर में चीनी कंपनियों को रोकने के फैसले से यह साफ हो गया है कि सरकार टेलीकॉम क्षेत्र में चीन के उपकरणों के इस्तेमाल को पूरी तरह सीमित करना चाहती है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 11:34 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 12:28 PM (IST)
टेलीकॉम क्षेत्र में चीन के उपकरणों पर लग सकता है प्रतिबंध, 'मेक इन इंडिया' पर है पूरा जोर
टेलीकॉम क्षेत्र में चीन के उपकरणों पर लग सकता है प्रतिबंध, 'मेक इन इंडिया' पर है पूरा जोर

नई दिल्ली, राजीव कुमार। चीन के 59 एप पर भारत में प्रतिबंध के बाद सरकार 4जी एवं वाई-फाई नेटवर्क विस्तार में सिर्फ भारतीय उपकरणों के इस्तेमाल का नियम ला सकती है। टेलीकॉम क्षेत्र में चीन से आयातित उपकरणों के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए सरकार यह नियम लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। देश के औद्योगिक संगठनों ने भी सरकार से जल्द से जल्द इन मानकों को लागू करने की मांग की है। हाल ही में सरकार ने सोलर बिजली के लिए चीन के उपकरणों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है। टेलीकॉम सेक्टर में चीन के उपकरण के इस्तेमाल से डाटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को लेकर पहले से ही सवाल उठाए जा रहे हैं।

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सूत्रों के मुताबिक 4जी नेटवर्क एवं वाई-फाई विस्तार से जुड़े टेंडर में दो प्रकार के मानकों पर विचार किया जा रहा है। इन टेंडर में 70 फीसद काम उन कंपनियों को दिया जा सकता है जिनके उपकरण मेक इन इंडिया है। सूत्रों के मुताबिक अगर कोई विदेशी कंपनी भारत में यूनिट लगाकर उपकरण का असेंबलिंग भी करती है तो उसे मेक इन इंडिया मान लिया जाएगा। 30 फीसद काम उन कंपनियों के लिए आरक्षित हो सकता है जिनके उपकरण पूरी तरह से भारत में डिजाइन होने के साथ भारत में ही विकसित व निर्मित हो।

टेलीकॉम क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के मुताबिक अब तक 3जी, 4जी व वाई-फाई नेटवर्क से जुड़े टेंडर में इस प्रकार की शर्तें जोड़ दी जाती थीं कि घरेलू कंपनियां टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाती थी। नतीजा यह हुआ कि जेडटीई, सिस्को, एरिक्सन, हुआवे जैसी विदेशी कंपनियां भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में हावी होती चली गई। बीएसएनएल के 4जी विस्तार से जुड़े टेंडर में चीन की कंपनियों को रोकने के फैसले से यह साफ हो गया है कि सरकार टेलीकॉम क्षेत्र में चीन के उपकरणों के इस्तेमाल को पूरी तरह से सीमित करने के पक्ष में है।

औद्योगिक संगठन पीएचडी चैंबर के टेलीकॉम कमेटी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने बताया कि संगठन ने वाई-फाई, राउटर और 4जी से जुड़े चीनी उपकरणों के आयात पर तत्काल तौर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सरकार की तरफ से इस दिशा में सकारात्मक फैसला लेने का भरोसा भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत ऑप्टिकल फाइबर केबल व अन्य प्रकार के टेलीकॉम केबल के निर्माण में पूरी तरह से सक्षम है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि शुरू-शुरू में केबल बनाने वाली छोटी-छोटी कंपनियों को सरकारी टेंडर में हिस्सा लेने का मौका दिया गया। सूत्रों के मुताबिक सरकार फिर से इस प्रकार के नियम ला सकती है जिसके तहत टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली पूरी तरह से भारतीय कंपनी को टेंडर में हिस्सा लेने का मौका मिल सके। 


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