बिलिंग में भी चालाक चीन लगा रहा है लाखों का चूना, फर्जी बिलिंग की जांच के लिए ही पोर्ट पर हो रही है जांच
चीन के कारोबारी 100 रुपए के माल की बिक्री कीमत 50 रुपए दिखाने के लिए तैयार रहते हैं। बाकी के 50 रुपए चीनी कारोबारी भारतीय व्यापारी से हवाला के जरिए ले लेते हैं।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। चालबाज चीन माल भेजने की बिलिंग में भी हेरा-फेरी कर भारत को लाखों-करोड़ों का चूना लगा रहा है। इन दिनों पोर्ट पर खुफिया इनपुट के आधार पर चीन से आने वाले माल की सघन जांच की जा रही है। चीनी माल की जांच के दौरान बिलिंग में गड़बड़ी को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इस जांच से आयात के नाम पर सरकार को चूना लगाने वाले आयातकों पर भी नकेल कसने की तैयारी है।
कैसे लग रहा है सरकार को चूना
चीन से माल मंगाने वाले भारतीय कारोबारियों को चीन दो नंबर से भुगतान करने का भी रास्ता दिखा देता है। चीन के कारोबारी 100 रुपए के माल की बिक्री कीमत 50 रुपए दिखाने के लिए तैयार रहते हैं। बाकी के 50 रुपए चीनी कारोबारी भारतीय व्यापारी से हवाला के जरिए ले लेते हैं। माल की कम कीमत दिखाने से चीन से माल मंगाने वाले भारतीय व्यापारियों को ड्यूटी की बचत हो जाती है। लेकिन इससे सरकार को लाखों-करोड़ों रुपए का चूना लगता है।
चीन में थर्ड पार्टी पेमेंट सिस्टम की है इजाजत
चीन से कारोबार करने वाले भारतीय कारोबारियों ने बताया कि चीन में थर्ड पार्टी पेमेंट सिस्टम की इजाजत है। थर्ड पार्टी पेमेंट सिस्टम का मतलब हुआ कि राम ने श्याम से माल खरीदा, लेकिन कीमत का भुगतान राम की जगह मोहन ने श्याम को किया। थर्ड पार्टी पेमेंट सिस्टम की स्वीकार्यता से चीन से होने वाले कारोबार में दो नंबर में काफी भुगतान होता है। कारोबारियों ने बताया कि यूरोप और अमेरिका में जो खरीदार होता है, उसे ही भुगतान करना पड़ता है। चीनी कारोबारियों को सिर्फ भुगतान मिलने से मतलब होता है। कारोबारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चीन के साथ कारोबार के भुगतान में यह प्रैक्टिस सालों से जारी है।
जल्द ही पोर्ट से माल निकलने में आ जाएगी तेजी
सूत्रों के मुताबिक चीन से आने वाले माल की फिजिकल जांच के दौरान पोर्ट से माल निकलने में जो देरी हो रही है, उसे इस सप्ताह तक ठीक कर दिया जाएगा। दवा से लेकर फोन निर्माण तक के कच्चे माल चीन से आते हैं और चीन के माल को चेकिंग के लिए होल्ड पर रखने से कई जरूरी चीजों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। हालांकि इंडियन फार्मास्यूटिकल्स एसोसिएशन (आईपीए) के मुताबिक दवा निर्माताओं के पास 2-3 सप्ताह के कच्चे माल का स्टॉक है। इसलिए पोर्ट पर चीन से आने वाले कच्चे माल के होल्ड होने से दवा निर्माण पर फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ने जा रहा है।
वहीं निर्यातकों का कहना है कि अगले 2-3 दिनों में पोर्ट पर खड़े चीन से आए हुए माल को क्लीयरेंस नहीं दी गई तो उन्हें फिनिश्ड गुड्स के उत्पादन के लिए कच्चे माल की कमी हो जाएगी और इससे निर्यात प्रभावित हो जाएगा। मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों का कहना है कि चीन से आने वाले माल को जल्दी क्लीयर नहीं किया गया तो मांग के मुकाबले मोबाइल फोन की कमी हो सकती है।