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एसोचैम की चेतावनी- वित्त वर्ष बदलने से होगा सिर्फ नुकसान

एसोचैम का कहना है कि यदि वित्‍तवर्ष के महीनों में कुछ भी बदलाव किया गया तो यह उद्योग जगत के लिए नुकसान दायक होगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 10 Jul 2016 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jul 2016 09:29 PM (IST)
एसोचैम की चेतावनी- वित्त वर्ष बदलने से होगा सिर्फ नुकसान

नई दिल्ली (आइएएनएस)। उद्योग चैंबर एसोचैम ने वित्त वर्ष की मौजूदा व्यवस्था में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर आगाह किया है। उसका कहना है कि अप्रैल-मार्च के स्थान पर महीनों का कोई अन्य क्रम अपनाए जाने पर व्यापार और उद्योग को भारी नुकसान होगा। इस बदलाव का कोई लाभ नहीं होने वाला है। सरकार ने हाल में नए वित्त वर्ष की व्यावहारिकता की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है।

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महासचिव डीएस रावत के हवाले से एसोचैम ने कहा कि विभिन्न देशों में अलग-अलग वित्तीय वर्ष का पालन किया जाता है। दुनिया में लेखांकन का कोई मानक नहीं है। इस तरह कैलेंडर में बदलाव से भारत को दुनिया के साथ तालमेल बैठाने में कोई खास मदद नहीं मिलेगी। अलबत्ता वित्त वर्ष में बदलाव होने पर लेखा-जोखा में परिवर्तन करना पड़ेगा। अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर, कराधान प्रणाली, मानव संसाधन कार्यप्रणाली में भी बदलाव लाने होंगे। इसका बड़े और छोटे दोनों उद्योगों पर असर पड़ेगा क्योंकि ऐसा करने में काफी खर्च आएगा।

सरकारी समिति की अध्यक्षता पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य कर रहे हैं। अन्य तीन सदस्यों में पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, तमिलनाडु के पूर्व वित्त सचिव पीवी राजरमन और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो राजीव कुमार शामिल हैं। इस समिति को 31 दिसंबर तक रिपोर्ट सौंपनी है।

एसोचैम ने सरकार के इस तर्क को भी खारिज किया कि मौजूदा व्यवस्था में बजट निर्माताओं को मानसून के आकलन का मौका नहीं मिलता। उसके मुताबिक, यदि वित्त वर्ष बदलकर जनवरी-दिसंबर कर दिया जाए और बजट अक्टूबर के आसपास पेश हो तो भी मानसून का असर केवल चल रहे वर्ष के लिए स्पष्ट होगा। मौजूदा वित्त वर्ष स्कूलों और विश्वविद्यालयों के अकादमिक वर्षो के लिए भी अनुकूल है। अचानक ऐसा कोई बदलाव नहीं करना चाहिए जिसका कोई स्पष्ट लाभ नहीं दिख रहा हो। इसकी वजह से अनावश्यक अड़चनों के साथ नौकरशाही और प्रणालीगत देरी होगी। भारत इस समय ऐसे अवरोधों को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है।


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