केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से मांगी राय, क्या फसल बीमा ऐच्छिक होनी चाहिए
कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रोपला ने कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस बारे में अपने विचार मांगे हैं कि क्या इस योजना को किसानों के लिए ऐच्छिक बनाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि उसने राज्यों को पत्र लिख कर राय मांगी है कि क्या फसल बीमा योजना को किसानों के लिए अपनी मर्जी के आधार पर या ऐच्छिक कर दिया जाना चाहिए। वर्तमान में फसल बीमा स्कीम सभी के लिए अनिवार्य है। कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रोपला ने कहा कि सोमवार को मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस बारे में अपने विचार मांगे हैं कि क्या इस योजना को किसानों के लिए ऐच्छिक बनाया जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें: ULIP, Debt Mutual Fund या RD, जानें किसमें निवेश पर मिलेगा अधिक फायदा
उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारों और किसान यूनियनों ने कृषि मंत्रालय से इस स्कीम को किसानों की मर्जी से बनाने की डिमांड के बाद पत्र लिखा था। अपने लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि यह स्कीम उन किसानों के लिए अनिवार्य है, जिन्होंने लोन का लाभ उठाया है और जिन्होंने लोन नहीं लिया है उनके लिए यह ऐच्छिक है।
ये भी पढ़ें: IRCTC दे रहा है दार्जिलिंग के लिए स्पेशल टूर पैकेज, गर्मी की छुट्टियों में सस्ते में कीजिए एंज्वॉय
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
भारत में प्राकृतिक आपदा की वजह से हर साल किसानों का बहुत अधिक नुकसान होता है। तेज बारिश, ओले, बाढ़ और आंधी की वजह से किसानों की फसल खराब हो जाती थी, जिससे उन्हें बहुत हानि पहुंचती थी। केंद्र सरकार ने किसानों को इस नुकसान से राहत देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को शुरू किया। इस योजना को 13 जनवरी, 2016 को शुरू किया गया था। इसके लिए किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 फीसद प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 फीसद प्रीमियम देना पड़ता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से खराब हुई फसलों के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम को काफी कम रखा है। कम प्रीमियम के चलते प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ हर किसान उठा सकता है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप